Life Of IAS Officer : एक आईएएस अधिकारी बनना जितना रोमांचित करने वाला है, यह उससे कहीं ज्यादा चुनौतियों से भरा हुआ है. एक आईएएस अधिकारी केंद्र और राज्य सरकार में विभिन्न पदों पर कार्य करता है.
एक आईएएस अधिकारी समाज, समुदायों और व्यक्तियों के बीच पॉजिटिव चेंज लाने की क्षमता रखता है. जिम्मेदारियों और पावर के चलते ही सबसे प्रतिष्ठित पद माना जाता है. आईएएस अधिकारी बनने के लिए लाखों लोग हर साल सिविल सेवा परीक्षा देते हैं. आज हम जानेंगे कि एक आईएएस अधिकारी पूरे दिन क्या-क्या करता है.
आईएएस अधिकारी की ट्रेनिंग
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा (UPSC CSE) पास करने वालों को ट्रेनिंग के लिए लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA ) भेजा जाता है. यहां ट्रेनी आईएएस दो साल ट्रेनिंग होती है. इस दौरान बेसिक सैलरी भी मिलती है. LBSNAA में एक ट्रेनी आईएएस अधिकारी के प्रतिदिन का शेड्यूल ऐसा होता है-
-सुबह 5:30 बजे उठना
– सुबह 6 से 7 बजे तक एक्सरसाइज/हॉर्स राइडिंग ट्रेनिंग
– सुबह 7 से 9 बजे तक फ्री टाइम
– सुबह 9:30 बजे से एकेडमिक एक्टिविटीज जैसे कि लेक्चर, स्पोर्ट्स और अन्य एक्सट्रा करिकुलर एक्टिविटीज
आईएएस को कराया जाता है भारत दर्शन
एक आईएएस अधिकारी को देश समझने के लिए ट्रेनिंग के दौरान भारत दर्शन भी कराया जाता है. इसके अलावा आसपास के ग्रामीण इलाकों में ट्रेकिंग भी करना होता है. इसका मकसद भावी अधिकारी प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करना सीख सकें. आईएएस को ट्रेनिंग के दौरान एडमिनिस्ट्रेटिव स्किल सिखाए जाते हैं. जो प्रत्येक सिविल सेवा अधिकारी के लिए काफी अहम होता है. अधिकारियों को एडमिस्ट्रेशन, पुलिसिंग व गवर्नेंस के हर सेक्टर की जानकारी दी जाती है.
ट्रेनिंग के बाद पोस्टिंग
दो साल की ट्रेनिंग के बाद आईएएस को उनके कैडर में भेज दिया जाता है. जहां पर विशेष क्षेत्र या विभाग का प्रशासन मिलता है. आईएएस अधिकारी की पहली पोस्टिंग सब डिविजनल मजिस्ट्रेट के रूप में होती है. इसके बाद जिला मजिस्ट्रेट और उपायुक्त के पोस्ट पर प्रमोशन मिलता है. आईएएस अधिकारी केंद्र और राज्य सरकारों के सचिवालयों से लेकर सरकारी कंपनियों तक में विभिन्न पदों पर जिम्मेदारी संभालते हैं. नियुक्ति के बाद एक आईएएस अधिकारी का आम दिन सुबह 9 बजे शुरू होता है और रात 9 बजे तक वर्किंग ऑवर होता है. इसमें डेली प्रोग्रेस रिपोर्ट पढ़ना, विभाग या जिले के कार्यों की निगरानी करना, विभिन्न मीटिंग में शामिल होना, दौरान करना आदि शामिल होता है. ये गतिविधियां देर शाम तक जारी रहती हैं. किसी आपात स्थिति जैसे कि प्राकृतिक आपदा, दंगे, हेल्थ इमरजेंसी आदि में उसे नॉर्मल वर्किंग ऑवर से ज्यादा काम करना पड़ता है.
एक आईएएस अधिकारी का पावर
एक आईएएस जिलाधिकारी के रूप में काफी ज्यादा पावरफुल होता है. उसके पास जिले के सभी विभागों की जिम्मेदारियां होती हैं. वह जिलाधिकारी के रूप में पुलिस विभाग के साथ अन्य विभागों का भी मुखिया होता है. एक आईएएस अधिकारी अधिकारी को फॉर्मल, प्रोफेशनल ड्रेस पहनना होता है. लेकिन काई ड्रेस कोड नहीं है. आईएएस अधिकारी के पावर को करीब 300 कानूनों के जरिए परिभाषित किया गया है. इसे ऑल इंडिया सर्विस मैन्युअल में दिया गया है. इसे कार्मिक विभाग समय-समय पर अपडेट करता रहता है. इनमें से कुछ कानून इस प्रकार हैं-
आईपीसी- क्रिमिनल प्रोसीजर कोड (1973) के अनुसार धारा 107,108,109,110,133,144 और 176 से मजिस्ट्रेट को कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए की शक्तियां मिलती हैं.
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम- यह अधिनियम मुख्य सचिवों और मजिस्ट्रेट को आपदा राहत कार्य शुरू करने को लेकर पावर देता है.
आर्म्स एक्ट, ड्रग लाइेंस एक्ट, अवश्यक वस्तु अधिनियम आदि कानून आईएएस अधिकारी को नियम लागू करने के पावर देते हैं.
आईएएस अधिकारी की सैलरी और मिलने वाली सुविधाएं
सातवें वेतन आयोग के अनुसार आईएएस अधिकारी की बेसिक सैलरी 56100 रुपये है. आईएएस अधिकारी के लिए कुल 18 पे लेवल हैं. जिसमें भारत सरकार के कैबिनेट सचिव की सैलरी सबसे अधिक ढ़ाई लाख रुपये महीने है. आईएएस अधिकारियों को सैलरी के अलावा सुविधाएं मिलती हैं-
-सब्सिडी पर सरकारी आवास. जिला लेवल पर पोस्टिंग में आईएएस अधिकारी को किसी भी अन्य सरकारी सेवा के मुकाबले सबसे बेहतरीन आवास मिलता है.
-घरेलू कार्य में मदद के लिए रसोइया, माली आदि भी मिलते हैं.
-जरूरत के अनुसार सिक्योरिटी कवर.
-जिला और राज्य स्तरीय पोस्टिंग में सरकारी वाहन मिलता है.
-मोबाइल, इंटरनेट और टेलिफोन बिल का खर्च मिलता है.
-ड्यूटी के दौरान ठहरने के लिए फ्री में सरकारी गेस्ट हाउस और बंगले मिलते हैं.
-आईएएस अधिकारी को रिटायरमेंट के बाद पेंशन मिलती है.
पढ़ाई के लिए मिलती है दो साल की छुट्टी
आईएएस बनने के बाद भी यदि कोई पढ़ना चाहे तो वह भारत में या विदेश के किसी स्थान में दाखिला ले सकता है. सरकार आईएएस अधिकारी को पढ़ने के लिए दो साल तक की छुट्टी देती है. इस दौरान सैलरी भी मिलती है।