क्या हो आज की शिक्षित महिलाओं की प्राथमिकता
क्या हो आज की शिक्षित
महिलाओं की प्राथमिकता
शिक्षा आज के समय की महत्वपूर्ण आवश्यकता है। शिक्षा में वर्षों वर्षों से तपकर जो नवनीत हमारे सामने आता है । वह बहुत
महत्वपूर्ण होता है । महिला भी आज कन्धे से कन्धा मिलाकर सब जगह सबके साथ हर क्षेत्र में चल रही है । शिक्षित
महिलाओं की प्रथम प्राथमिकता अपने परिवार के प्रति समर्पण होना चाहिये । यह ऐसा समर्पण है जो कही शब्दों में उच्चारित नहीं किया जा सकता है । गृहपति -गृहलक्ष्मी कहें या गृह स्वामी-ग्रह स्वामिनी या फिर पुरुष और औरमहिला , किसी भी सम्बोधन से सम्बोधित करें ,दोनो एक रथ के दो पहिये हैं । एक दूसरे के बिना अधूरे हैं दोनों मिलकर सम्पूर्ण है।जहां परिवारों में सन्तुलन रहता है दोनों के बीच वहां परिवार खुशहाल रह सकते हैं।अफसोस!हमारी भारतीय संस्कृति ने महिलाओं के सम्मान में लिखने तक सिर्फ सम्मान दिया है । व्यवहार के धतल पर पुरुष प्रधान संस्कृति रही है।अधिकांश परिवारों में महिलसों को वो सम्मान नहीं मिल पाया है । उनको ये कह कर दबाया जाता है कि तुम करती ही क्या हो।महिलाओं के प्रति सम्मान भरे चिंतन से पुरुषों के अंदर सम्मान की प्रेरणा जागृत करते हो ,बहुत अच्छा लगता है,सभी इसका अनुकरण करें ,यह विचारणीय है। आज मानसिकता बदल रही है । वैसे भारतीय संस्कृति पुरुष प्रधान रही है उनकी सोच,विचारधारा थोड़ा पुरुषवर्ग के प्रभुत्व की रही है लेकिन घर में अनुशासन के नजरिये से कुछ हद तक ठीक रही है।जहां औरतों को सम्मान की नजर से नहीं देखा जाता वो बहुत चिंतनीय विषय है ।आजकल पढ़े लिखे होने से पहले से कम है औरतों को समझने में नासमझी दिखाने की।अपने अपने क्षेत्र में पुरुषहो या महिला ,सबकी अहम भूमिका है । सबके सहयोग से घर परिवार चलता है दोनों के सहयोग की अपेक्षा होती है घर परिवार चलाने में।
प्रदीप छाजेड़
( बोरावड़ )