आकाश आनंद और चंद्रशेखर आजाद आमने सामने!
प्रकाश आनंद अब तक तो मायावती की परछाई बन तक चुनाव प्रचार में जाते थे। लेकिन इस बार उनका रोल बदल गया है. मायावती के भतीजे आकाश आनंद इस बार अकेले ही चुनाव प्रचार करेंगे. पिछले चुनाव में उनका काम सिर्फ़ मायावती के साथ रहना था।
तब बीएसपी का समाजवादी पार्टी और आरएलडी से गठबंधन था. इस बार बीएसपी अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ रही है. मायावती ने आकाश को अपना राजनैतिक उत्तराधिकारी घोषित कर दिया है. वे पार्टी के नेशन कॉर्डिनेटर बनाए गए हैं. आकाश आनंद यूपी में 6 अप्रैल से चुनाव प्रचार शुरू कर रहे हैं.
आकाश आनंद इस बार अपने चुनाव प्रचार की शुरूआत चंद्रशेखर रावण के खिलाफ कर रहे हैं. रावण इस बार नगीना सुरक्षित सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. वे आज़ाद समाज पार्टी के अध्यक्ष हैं. इंडिया गठबंधन ने चंद्रशेखर के लिए नगीना की सीट नहीं छोड़ी. जबकि वे गठबंधन की कुछ बैठकों में शामिल रहे हैं.
दलितों का रहनुमा कौन?
दलित समाज की राजनीति को लेकर आकाश आनंद और चंद्रशेखर रावण का ज़िक्र होता रहा है. इन दोनों नेताओं की तुलना होती है. भविष्य में दलितों के हक़ के लिए लड़ने वाला नेता कौन ! इस पर सोशल मीडिया में बहस जारी है. बीएसपी के समर्थक आकाश आनंद में भविष्य का नेता देखते हैं। एक गुट ऐसा भी है जिसे चंद्रशेखर रावण से उम्मीदें हैं. आकाश आनंद ने चंद्रशेखर के लेकर पत्रकारों के सवाल में जवाब में कहा था आप किसकी बात कर रहे हैं. मैं उन्हें नहीं जानता।
आकाश आनंद ने इस बार यूपी में 25 रैलियां करने की घोषणा की है. उनकी पहली रैली चंद्रशेखर के खिलाफ होगी. तारीख़ है 1 अप्रैल. नगीना सुरक्षित सीट पर पिछले चुनाव में बीएसपी के गिरीश चंद्र जाटव जीते थे. मायावती ने उन्हें इस बार बुलंदशहर से टिकट दिया है।
अब तक तो यूपी मैं बीएसपी का काम काज और प्रचार की ज़िम्मेदारी मायावती के पास रही है. लेकिन पहली बार मायावती ने आकाश को यूपी में भी प्रचार करने के लिए कहा है. अब तक तो आकाश दूसरे राज्यों में प्रचार करते रहे हैं. लेकिन अब यूपी के लिए मायावती उन्हें भविष्य का नेता तैयार करने में जुटी हैं।
बीएसपी की तरफ़ से जारी कार्यक्रम के मुताबिक़ हर दिन वे दो चुनावी सभा करेंगे. आकाश आनंद कभी कार से जायेंगे तो कभी हवाई जहाज़ से. लेकिन बीएसपी ने इस बार आकाश आनंद के चुनाव न लड़ाने का फ़ैसला किया है।