राष्ट्र के निर्माण में सहयोगी होते हैं राजनेता:-देवेन्द्र लोधी
राष्ट्र के निर्माण में सहयोगी होते हैं राजनेता:-देवेन्द्र लोधी
–नकारात्मक सोच से बाहर नही निकल पा रहे हैं ओमप्रकाश राजभर
एटा,
राजनीतिक दल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने देश के उन कर्मठ राजनेताओं के बारे में मीडिया में एक व्यान दिया गया है कि” देश के राजनेता दो मुहाँ साँप होते हैं”और खुद को भी दो मुहँ का सांप कहकर अपने हाल के व्यान में गाली दी है।जो राजनेता दिन-रात मेहनत करके भारत को विश्व गुरु की ओर ले जाने के लिए चोटी से लेकर एड़ी तक अपना पसीना बहा रहे है।और ओमप्रकाश राजभर जैसे लोग अपने घर बैठकर ही2मीडिया के सामने चर्चित होने के लिए उन्हें गरिया रहे हैं।और पूर्व में भी पुलिस प्रशासन पर भी अभद्र टिप्पणी कर चुके हैं और कह चुके हैं कि थाने में मेरी पार्टी का अंगोछा पहनकर चले जाना थानाध्यक्ष आपका काम कर देंगे, हाल ही में राजनेताओं पर दिए गए व्यान से नाराज पंचायत विकास संस्थान उत्तर प्रदेश के सचिव और राष्ट्रीय लोधी महासभा एटा के जिलाध्यक्ष, बजरंग दल के पूर्व विभाग संयोजक, भाजपा नेता देवेन्द्र कुमार लोधी एडवोकेट ने कहा कि ओमप्रकाश राजभर सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के बाद भी खुद राजनेता होते हुए भी देश व प्रदेश के राजनेताओं के प्रति नकारात्मक सोच से अभी भी नहीं निकल पा रहे हैं, उन्हें राजनीतिक भाषण देते समय यह समझ ही नहीं है कि उन्हें बोलना क्या है।तो उन्हें राजनीति से संन्यास ले लेना चाहिए।
इस देश के कर्मठ राजनेता जो सकारात्मक सोच बाले होते हैं वह राष्ट्र के निर्माण में सहयोगी होते हैं।इसका जीता जागता उदाहरण के रूप में देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी है।मैं पक्ष-विपक्ष की बात नहीं कर रहा हूँ, मैं देश के कुछ ऐसे राष्ट्रभक्ति, संघर्षशील राजनेताओं के नाम लेने में गुरेज नहीं करूंगा, जो कि जातिवाद भूलकर राष्ट्र सर्वोपरि और राष्ट्र के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।फिर चाहे वह डॉ0भीमराव अम्बेडकर, महात्मा गांधी,सर्वपल्ली राधाकृष्णन, सरदार वल्लभ भाई पटेल, सुभाषचंद्र,डॉ0अब्दुल कलाम साहब,लालबहादुर शास्त्री, अटल बिहारी वाजपेयी, राममनोहर लोहिया, कासीराम, कल्याण सिंह, योगी आदित्यनाथ आदि देश के हजारों राजनेताओं ने अपना पसीना बहाकर राष्ट्र के निर्माण अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित कर दिया।
राष्ट्रभक्ति देवेन्द्र कुमार लोधी ने यह भी कहा कि जो राजनेता अपने प्राणों की बाजी लगा कर क्रंति करके, भूखे पेट रहकर भी राष्ट्र हित में कार्य करते रहे, उन्होंने देश के सर्वोच्च पद राष्ट्रपति तक सुशोभित कर चुके हैं तथा वर्तमान में भी राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री,मुख्यमंत्री, राज्यसभा,लोकसभा, विधायिका आदि जैसे महत्वपूर्ण पदों पर सुशोभित है उन्हें भी ओमप्रकाश राजभर ने”राजनेता दो मुहँ के सांप होते हैं कहकर उनपर भी टिप्पड़ी कर दी है जो कि गलत है।
अन्त में श्री लोधी ने कहा कि जब राजनेता ही राजनेता का अपमान कर रहे हैं और ओछी एवं नकारात्मक मानसिकता के साथ राजनीति कर रहे हैं वह राष्ट्र एवं जनता जनार्दन के लिए ठीक नहीं हो सकते हैं।उन्हें किसी भी पद पर रहने का अधिकार नहीं है।देश संबिधान से चल रहा हैऔर संबिधान के तहत ही सभी राजनीतिक पार्टियों और पद तथा संसद, विधायिका का संचालन हो रहा है, देश में संबिधान सर्वोपरि है।संविधान से ऊपर कोई नहीं है।ओमप्रकाश राजभर जैसे लोगों को पहले जनता के बीच रहकर समाजसेवा करनी चाहिए, पढ़ लिखकर सकारात्मक भाव के साथ भाषण देना चाहिए, जो जनहित और राष्ट्रहित में हो, क्योकि सकारात्मक सोच से काम करने बाले राजनेता ही जनहित एवं राष्ट्रहित में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते है।