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पूर्व मुख्यमंत्री के नाम से लाखों की ठगी, पुलिस में नौकरी का देते थे झासा

अमृतसर। कंबो थाना की पुलिस ने पुलिस विभाग में कांस्टेबल से लेकर इंस्पेक्टर पद तक नौकरियां दिलाने के नाम पर 38.70 लाख रुपये की ठगी के आरोप में महिला सहित चार लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है।

एसएसपी सतिंदर सिंह ने बताया कि आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए छापामारी की जा रही है। जांच में सामने आया है कि आरोपितों ने गुरदयाल सिंह को फर्जी अप्वाइंटमेंट लेटर, वर्दी, पिस्तौल व अन्य दस्तावेज भी मुहैया करवा दिए थे।

आरोपितों ने पीड़ितों को झांसा दिया था कि उनकी कांग्रेस सरकार के पूर्व सीएम के साथ अच्छी खासी नजदीकियां हैं और वह कई लोगों को नौकरियां दिलवा चुके हैं। जालंधर में किसी चौकी इंचार्ज का पद दिलाते समय शिकायतकर्ता को संदेह हुआ तो आरोपित फरार हो गए।

जेठूवाल गांव निवासी गुरदयाल सिंह की शिकायत पर कंबो थाने की पुलिस ने कत्थूनंगल के गांव साहनेवाली निवासी रविंदर सिंह उर्फ रोबिन, उसकी पत्नी कमलजीत कौर, ससुर दलजीत सिंह और साला शिवम राणा के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। गुरदयाल सिंह ने बताया कि कुछ साल पहले उसकी मुलाकात एक धार्मिक स्थान पर रविंदर सिंह के साथ हुई थी।

मजीठिया ने कहा कि मूसेवाला की हत्या के बाद भी गैंगस्टर ने जेल से एक प्रमुख पत्रकार को इंटरव्यू दिया और जब पंजाब पुलिस ने इस बात से इंकार करने की कोशिश की कि इंटरव्यू राज्य की जेल से लिया गया , तो गैंगस्टर ने अपनी बात साबित करने के लिए उन्हीं कपड़ों में एक और इंटरव्यू दिया। उन्होंने कहा कि भले ही मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अदालत में याचिका दायर होने के बाद मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया, लेकिन मामले में कोई नतीजा नहींं निकला।

अकाली नेता ने कहा कि यह तब भी देखा गया जब गैंगस्टर के साथियों ने कुछ ही महीने पहले अभिनेता सलमान खान के घर पर हमला किया था। हाल ही में लॉरेंस द्वारा गुजरात की जेल से पाकिस्तानी गैंगस्टर शहजाद भट्टी के साथ वीडियो कॉल करने की घटना से पता चलता है कि पाकिस्तान में राष्ट्रीय विरोधी तत्वों के साथ मिलीभगत जारी है।

लेडी सिंघम करमजीत कौर ने कहा कि उनको अभी मलोट सिटी थाना प्रभारी लगे 15 दिन ही हुए हैं। इसके चलते उनकी आरोपितों को पहचान नहीं थी। उन्होंने सिविल कपड़ों में जाकर नशा मांगा और आरोपित महिला ने नशा उनको थमा दिया। उन पर केस दर्ज कर लिया गया और उनको गिरफ्तार कर लिया गया है।
इस इलाके में लोग कबाड़ का काम करते हैं। जब भी पुलिस वहां पर दबिश देती तो वे नशे को कचरे- कबाड़ में छुपा देती थी। कचरे में पुलिस हाथ नहीं मारती थी। पुलिस के पास डॉग स्कवायड़ की कमी होने के चलते वहां से नशे की बरामदगी नहीं हो पाती थी। इसके अलावा आरोपित महिलाओं की तलाशी लेने में भी पुलिस को दिक्कत आती थी।

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