उज्जैन. पंचांग के अनुसार, प्रत्येक महीने में 2 पक्ष होते हैं- शुक्ल और कृष्ण पक्ष। कृष्ण पक्ष को पितरों की रात कहा जाता है और शुक्ल पक्ष को पितरों का दिन। इन दोनों पक्षों में एक से लेकर 14 तक की तिथियां समान होती हैं। कृष्ण पक्ष का अंतिम दिन अमावस्या और शुक्ल पक्ष का अंतिम दिन पूर्णिमा कहलाता है। इन दोनों ही तिथियों पर कई प्रमुख व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं। पंचांग में इन दोनों पक्षों के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया है। आगे जानिए आज के पंचांग से जुड़ी खास बातें…
आज होगी श्राद्ध पक्ष की शुरुआत
हिंदू धर्म में श्राद्ध पक्ष का विशेष महत्व बताया गया है। इसे पितृ पक्ष भी कहते हैं। इन 16 दिनों में मृत पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण, पिंडदान आदि कर्म किए जाते हैं। इस बार श्राद्ध पक्ष 10 से 15 सितंबर तक रहेंगे। धर्म ग्रंथों में श्राद्ध पक्ष से जुड़े कई नियम बताए गए हैं। इस दौरान कई कई परंपराओं का पालन भी किया जाता है। कुल मिलाकर श्राद्ध पक्ष अपने मृत पूर्वजों की याद करने का समय है।
10 सितंबर का पंचांग (Aaj Ka Panchang 10 september 2022)
10 सितंबर 2022, दिन शनिवार को भाद्रमास मास की पूर्णिमा तिथि दोपहर 03.28 तक रहेगी। इसके बाद आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि आरंभ हो जाएगी। इसी दिन से 16 दिवसीय श्राद्ध पक्ष का आरंभ होगा। शनिवार को शतभिषा नक्षत्र सुबह 09.37 तक रहेगा। इसके बाद पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र रात अंत तक रहेगा। शनिवार को पहले शतभिषा नक्षत्र होने से आनंद नाम का शुभ योग और बाद में पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र होने से कालदंड नाम का अशुभ योग इस दिन बन रहा है। इसके अलावा धृति और शूल नाम के 2 अन्य योग भी इस दिन रहेंगे। राहुकाल सुबह 09:19 से 10:51 तक रहेगा।
ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार रहेगी…
शनिवार की रात चंद्रमा कुंभ राशि से निकलकर मीन में प्रवेश करेगा। साथ ही बुध ग्रह अपनी स्वराशि कन्या में वक्री होगा। इस दिन सूर्य और शुक्र सिंह राशि में, मंगल वृष राशि में, शनि मकर राशि में (वक्री), राहु मेष राशि में, गुरु मीन राशि में (वक्री) और केतु तुला राशि में रहेंगे। शनिवार को पूर्व दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए। पूर्व दिशा में यात्रा करना पड़े तो अदरक, उड़द या तिल खाकर घर से निकलें।
10 सितंबर के पंचांग से जुड़ी अन्य खास बातें
विक्रम संवत- 2079
मास पूर्णिमांत- भादौ
पक्ष- शुक्ल
दिन- शनिवार
ऋतु- वर्षा
नक्षत्र- शतभिषा और पूर्वा भाद्रपद
करण- बव और बालव
सूर्योदय – 6:15 AM
सूर्यास्त – 6:32 PM
चन्द्रोदय – Sep 10 6:51 PM
चन्द्रास्त – Sep 11 6:52 AM
अभिजीत मुहूर्त: 11:59 AM से 12:48 PM
10 सितंबर का अशुभ समय (इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें)
यम गण्ड – 1:55 PM – 3:27 PM
कुलिक – 6:15 AM – 7:47 AM
दुर्मुहूर्त – 07:53 AM – 08:42 AM
वर्ज्यम् – 03:35 PM – 05:05 PM
नवमी तिथि की स्वामिनी हैं देवी दुर्गा
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कृष्ण और शुक्ल पक्ष मिलाकर कुल 16 तिथियां होती हैं। इनमें से 1 से लेकर 14 तक की तिथियां समान होती हैं। इनमें से नौवीं तिथि को नवमी कहते हैं। इस तिथि का नाम उग्रा भी है क्योंकि इस तिथि में शुभ कार्य करना वर्जित होता है। यह तिथि चंद्रमा की नौवीं कला है, इस कला में अमृत का पान मृत्यु के देवता यमराज करते हैं। नवमी तिथि की स्वामिनी देवी दुर्गा को माना गया है। इस तिथि में जन्मे लोगों को मां दुर्गा की पूजा अवश्य करनी चाहिए।
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