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कर्ज में डूबी रिलायंस कैपिटल के लिए समाधान योजना यानी रेजोल्यूशन प्रोसेस पेश करने की समयसीमा बढ़ाई जा सकती है. ऐसा इसलिए क्योंकि बोलीदाताओं ने तय प्रक्रिया पूरी करने के लिए थोड़ा और समय मांगा है. पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्रों ने उसे यह जानकारी दी है. पीरामल, टॉरेंट, ओकट्री और इंडसइंड बैंक जैसे कुछ बोलीदाताओं ने रिलायंस कैपिटल के लिए नियुक्त प्रशासक को चिट्ठी लिखकर समाधान योजना पेश करने की समयसीमा 10 अगस्त से बढ़ाकर 15 सितंबर करने का अनुरोध किया है.
रिलायंस कैपिटल की समाधान योजना जमा करवाने की तारीख पहले ही चार बार बढ़ाई जा चुकी है. इसकी शुरुआती तारीख 26 मई ही थी. समाधान प्रक्रिया का जायजा लेने के लिए अगले हफ्ते कर्जदाताओं की समिति की बैठक होगी, जिसमें समयसीमा विस्तार पर भी विचार किया जाएगा.
रिलायंस कैपिटल लिमिटेड को शुरुआत में 54 अभिरुचि पत्र प्राप्त हुए थे, लेकिन आगे की प्रक्रिया तक केवल 5-6 बोलीदाता ही रह गए हैं. सूत्रों का कहना है कि पीरामल समूह की तरफ से रिलायंस निप्पन लाइफ इंश्योरेंस को लेकर लगाई गई बोली पर बीमा नियामक इरडा ने चिंता जाहिर की है.
रिलायंस कैपिटल के सब्सिडियरीज की बात करें तो इसमें रिलायंस जनरल इंश्योरेंस, रिलायंस निप्पॉन लाइफ इंश्योरेंस, रिलायंस सिक्यॉरिटीज, रिलायंस असेट री-कंस्ट्रक्शन कंपनी, रिलायंस होम फाइनेंस और रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस शामिल हैं.
कंपनी पर 40 हजार करोड़ का भारी-भरकम कर्ज
सितंबर 2021 में रिलायंस कैपिटल ने अपने एनुअल जनरल मीटिंग में शेयर होल्डर्स को बताया था कि कंपनी पर कुल कर्ज 40 हजार करोड़ रुपए का है. दिसंबर तिमाही में कंपनी का नुकसान घटकर 1759 करोड़ रुपए हो गया था. दिसंबर 2020 तिमाही में कंपनी का कुल नुकसान 3966 करोड़ रुपए रहा था. रिलायंस कैपिटल की स्थापना साल 1986 में हुई थी.
इससे पहले खबर आई थी कि कर्ज में डूबी कंपनी रिलायंस कैपिटल लिमिटेडकी ऋण समाधान प्रक्रिया को लेकर रिजर्व बैंक की तरफ से नियुक्त प्रशासक और ऋणदाताओं के बीच मतभेद पैदा हो गए हैं. सूत्रों ने बताया कि आरसीएल और इसकी सब्सिडरी इकाइयों के ऋण समाधान के लिए 25 मार्च तक 54 बोलियां मिली थीं. आरसीएल के लिए रुचि पत्र (ईओआई) भेजने का यह आखिरी दिन था. इनमें से 22 ईओआई आरसीएल के लिए एक कंपनी के तौर पर आए हैं.
(भाषा इनपुट के साथ)
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