मछलीपालन और पशुपालन (Animal Husbandry) के लिए शुरू किए किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) का विस्तार करने में मोदी सरकार को बड़ी सफलता हासिल हुई है. अब तक इसे बनाने के लिए 7,35,253 मछलीपालकों ने आवेदन किया है. जिसमें 1,42,550 कार्ड देने की मंजूरी मिल गई है. जबकि शेष पर काम तेज करने के लिए कहा गया है. पशुपालकों के 50 लाख अप्लीकेशन आए हैं जिनमें से 18,81,654 मंजूर कर दिए गए हैं. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card) की एक समीक्षा बैठक में मछलीपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने कहा कि उन्होंने अगर कोई आवेदन बैंक द्वारा नामंजूर किया जाता है तो उसका स्पष्ट कारण दिया जाना चाहिए, ताकि फील्ड अधिकारी इसे संशोधित कर सकें और फार्म को फिर से पेश कर सकें.
रूपाला ने कहा कि सभी बैंकों को केसीसी के लिए जारी जरूरी निर्देशों का पालन करना चाहिए. आवेदकों को केसीसी आवेदन के लिए उचित प्राप्ति सूचना देने और आवेदन पर निर्णय की समय सीमा तय होनी चाहिए. रूपाला ने सुझाव दिया कि किसान क्रेडिट कार्ड मालधारी (घुमंतू) समुदाय के लोगों को दिया जाना चाहिए, क्योंकि वे एक जगह नहीं रहते और उनके पास प्रमाण देने के लिए कुछ नहीं होता. मछलीपालन (Fisheries) और पशुपालन के लिए केसीसी पर 4 फीसदी ब्याजदर पर 2 लाख रुपये का लोन मिलता है.
मछुआरों को भी मिलेगा केसीसी का फायदा
इस मौके पर अधिकारियों ने बताया कि मत्स्य पालन विभाग किसान क्रेडिट कार्ड सुविधा का विस्तार कर इसे मछुआरों को देने की संभावनाओं का पता लगाने का प्रयास कर रहा है. अभी तक इस सुविधा के अंतर्गत मछुआरों को शामिल नहीं किया गया है, क्योंकि उनके पास नौका या अन्य परिसंपत्तियों आदि का स्वामित्व या पट्टा नहीं होता. राज्यों को मत्स्य पालन विभाग द्वारा सलाह दी गई है कि वे केसीसी के तहत पात्र मछलीपालकों की नियमित निगरानी करें और कमियों को दूर करने के लिए संबंधित बैंकों (Banks) के साथ आगे की कार्रवाई करें. केसीसी की शीघ्र मंजूरी सुनिश्चित करें.
पहले कितने केसीसी बने थे?
समीक्षा बैठक में बताया गया कि केंद्र सरकार ने 2018-19 के बजट में किसान क्रेडिट कार्ड सुविधा का विस्तार पशुपालकों और मछलीपालकों के लिए किया था. इससे उनके काम के लिए पूंजी की आवश्यकताओं, चारा, पशु चिकित्सा सहायता, श्रम, जल तथा बिजली आपूर्ति के लिए लघु अवधि का ऋण (Loan) सुनिश्चित होता है.
दुग्ध सहकारी तथा दुग्ध उत्पादक कंपनियों के पात्र डेयरी किसानों को केसीसी देने के लिए विभाग ने 1 जून से 31 दिसंबर, 2020 तक विशेष अभियान चलाया था. इस अभियान से पहले पशुपालन तथा डेयरी क्षेत्र को केवल 30,000 केसीसी की मंजूरी दी गई थी. इस अवधि के दौरान 50 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए, जिसमें से 18.81 लाख नए किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए गए.
विकसित हुआ पोर्टल, काम होगा आसान
पशुपालन विभाग ने सिडबी के सहयोग से एएचडीएफ (Animal Husbandry Dairying farmers) के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल विकसित किया है. यह केसीसी पोर्टल लॉन्च के लिए तैयार है. इस पोर्टल से ऑनलाइन प्रस्तुति, प्रोसेसिंग तथा निगरानी सुविधा मिलेगी. बैंकों से अनुरोध किया गया है कि इस पोर्टल के लिए वे अपनी बैंकिंग प्रणाली के साथ एपीआई इंटीग्रेट करें, जिससे रियल टाइम में निगरानी हो सकेगी.
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