महाराष्ट्रराज्य

Maharashtra: व्हिप का पालन नहीं करने पर शिवसेना के 14 विधायकों को नोटिस, जानिए क्यों आदित्य ठाकरे को छोड़ दिया गया?

Eknath Shinde

विधानसभा में बहुमत परीक्षण (Maharashtra Assembly Floor Test) के वक्त पार्टी लाइन के खिलाफ जाकर वोट देने के मामले में शिवसेना के 14 विधायकों को एकनाथ शिंदे (CM Eknath Shinde) गुट की ओर से नोटिस जारी किया गया है. शिवसेना के 15 विधायकों ने विश्वास मत प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया है. लेकिन शिंदे गुट की ओर से मुख्य सचेतक भरत गोगावले ने 14 लोगों को ही नोटिस भेजा है. आदित्य ठाकरे (Aaditya Thackeray) को नोटिस नहीं भेजा गया है. शिंदे गुट की ओर से इसकी वजह भी बताई गई है. आज शिंदे गुट और बीजेपी ने मिलकर विधानसभा में बहुमत हासिल कर लिया. बीजेपी-शिंदे गुट के पक्ष में 164 मत पड़े जबकि विश्वास मत के प्रस्ताव के खिलाफ यानी महा विकास आघाड़ी के पक्ष में 99 वोट पड़े. आदित्य ठाकरे समेत पंद्रह विधायकों ने विश्वास मत प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया. इसी वजह से चौदह विधायकों को नोटिस भेजा गया है.

शिंदे गुट के चीफ व्हिप भरत गोगावले (Chief Whip Bharat Gogawale) ने पार्टी के व्हिप का पालन ना किए जाने की वजह से 14 विधायकों को नोटिस देने की जानकारी देते हुए कहा, ‘ हमने आदित्य ठाकरे को नोटिस नहीं दिया है. बालासाहेब ठाकरे का हम आदर करते हैं. यही वजह है कि हमने आदित्य ठाकरे को नोटिस नहीं भेजा है.’ बाकी विधायकों पर विधायिकी रद्द होने या निलंबन का खतरा बढ़ गया है.

बालासाहेब ठाकरे के लिए इज्जत, इसलिए आदित्य दिए गए बख्श

We have given notices to disqualify all the MLAs who defied our whip; have not given his (Aaditya Thackeray’s) name due to our respect for Balasaheb Thackeray: Shiv Sena chief whip Bharat Gogawale pic.twitter.com/hRQZsqZ7Lj

— ANI (@ANI) July 4, 2022

शिंदे गुट ने की कार्रवाई की शुरुआत, आदित्य छोड़ बाकियों की बढ़ी मुश्किलात

विश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान करने के लिए शिवसेना के सभी 55 विधायकों को व्हिप जारी कर भरत गोगावले ने निर्देश दिया था. शिंदे गुट के 40 विधायकों ने तो विश्वास मत के प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया. लेकिन शिवसेना के 15 विधायकों (उद्धव ग्रुप) ने विश्वास मत के प्रस्ताव के विरोध में मतदान किया.अब शिंदे गुट ने इनके खिलाफ कार्रवाई करने की शुरुआत कर दी है. इसी के तहत उन्हें नोटिस भेजा गया है. अब देखना है कि उद्धव ठाकरे कैंप की ओर से इस कार्रवाई का क्या जवाब दिया जाता है.

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