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झांसी में कलयुगी बेटों ने की पिता की पीट पीटकर हत्या, मां के साथ मिलकर शव सीवर के टैंकर में फेंका

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उत्तर प्रदेश के झांसी में कलयुगी बेटों ने अपने पिता को मौत के घाट उतार दिया. बेटों ने मामूली विवाद में अपने पिता की लाठियों से पीटकर बेरहमी से हत्या कर दी. इस हत्याकांड (Murder) के बारे में जिसने भी सुना और देखा, वह सन्न रह गया. क्या किसी के बेटे इतने बेरहम हो सकते हैं कि अपने पिता की हत्या तक कर दें. इस हत्या में बेटों के साथ साथ उनकी पत्नी और मां ने भी साथ दिया. फिलहाल मृतक के बेटे फरार हैं और पुलिस उनकी तलाश में जुटी हुई है.

पूरा मामला झांसी जनपद के ककरबई थाना क्षेत्र के ग्राम कचीर का है. पिता की बेरहमी से हत्या करने के बाद बेटों ने पिता के शव को सीवर के टैंकर में फेंक दिया. जब टैंकर से बदबू आने लगी तब पड़ोसियों ने इसकी जानकारी पुलिस को दी. पुलिस ने जब सीवर टैंक चेक कराया तो शव बरामद हुआ. पुलिस की ओर से मृतक की बहू और पत्नी को हिरासत में लेकर हत्या में फरार बेटों की तलाश में दबिश दे रही है.

पिता ने अनाज बेचने से किया था मना

मृतक खुशीराम प्रजापति अपने दो बेटे सुरेंद्र और कौशल और अन्य परिजनों के साथ रहता था. 31 मई को घर में रखे अनाज को बेचने को लेकर पिता और पुत्रों में विवाद हो गया. पिता ने अनाज बेचने को मना किया तो दोनों बेटों सुरेंद्र और कौशल ने पत्नी धनकुंवर और मां शांति देवी के साथ मिलकर खुशीराम को लाठी और डंडों से जमकर पीटा. थोड़ी देर में खुशीराम की मौत हो गई. उसकी मौत होने के बाद चारों ने मिलकर उसका शव बोरे में भरकर घर के पीछे बने सीवर टैंक में फेंक दिया. टैंक के ऊपर पत्थर रखकर उसका मुंह बंद कर दिया.

पुलिस के पहुंचते ही फरार हो गए आरोपी

शुक्रवार शाम से टैंक से तेज दुर्गंध आने लगी. स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी. थोड़ी देर में ककरबई एसओ राजपाल सिंह पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए. पुलिस ने जब टैंक खुलवाया, तब अंदर से खुशीराम का शव बरामद हुआ. उधर, पुलिस के पहुंचते ही उसके दोनों पुत्र घर से फरार हो गए. शांति देवी और धन कुंवर को पुलिस ने हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की, तब उन्होंने पूरी घटना के बारे में बताया.

बेटों ने थाने में दर्ज कराई थी गुमशुदगी की शिकायत

अपने पिता की हत्या करने के बाद दोनों बेटे थाने जा पहुंचे, यहां उन्होंने पिता के लापता हो जाने की बात बताई. इन लोगों ने पुलिस को बताया कि पिता 30 मई को किसी काम से बाहर जाने की बात कहकर बाहर निकले थे, लेकिन 31 तारीख की देर-रात तक वापस नहीं लौटे. पुलिस ने उनकी तहरीर के आधार पर 31 मई को खुशीराम की गुमशुदगी भी दर्ज कर ली. अगर सीवर टैंक से बदबू नहीं आती तब खुशीराम के बारे में पता ही नहीं चलता.

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