राजस्थान के परिवहन विभाग के एक विवादित आदेश के बाद विरोध शुरू हो गया. परिवहन विभाग ने वाहनों की नंबर प्लेट पर प्रधान, सरपंच और गुर्जर आदि लिखा होने पर कार्यवाही जारी करने का आदेश जारी किया था (Caste name on Vehicles). इस आदेश के बाद गुर्जर समाज ने मुखर होकर विरोध जताया तो मामले की गंभीरता को देखते हुए आदेश जारी करने वाले अधिकारी पर गाज गिर गई. गहलोत सरकार (Ashok Gehlot Government) ने अतिरिक्त आयुक्त परिवर्तन परिवहन आकाश तोमर को निलंबित कर दिया है. मामले में परिवहन विभाग ने संशोधित आदेश जारी कर दिया है. संशोधित आदेश में जातिसूचक शब्द हटा दिया.
दरअसल अपर परिवहन आयुक्त आकाश तोमर ने आज एक पत्र जारी किया है कि जिसमें कहा गया है कि वाहनों की नंबर प्लेट पर अब प्रधान, सरपंच, गुर्जर आदि लिखा होने पर कार्रवाई की जाएगी. यह आदेश पूरे प्रदेश में वायरल हो गया और पत्र में खासकर गुर्जर जाति का नाम दिया गया था तो उसपर जाति विशेष के लोगों की प्रतिक्रियाएं भी सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी हैं. गुर्जर नेता विजय बैंसला ने ट्वीट कर कहा कि प्रशासनिक अधिकारी की किसी जाति पर इस तरह की टिप्पणी अशोभनीय है. भारत का गुर्जर समाज इसका विरोध करता है.
गुर्जर नेताओं के निशाने पर गहलोत सरकार
वहीं गुर्जर नेता हिम्मत सिंह ने ट्वीट कर लिखा- परिवहन विभाग के आदेश में सिर्फ गुर्जर जाति का उल्लेख किया गया है. यह निंदनीय है. गुर्जर समाज को टारगेट किया है. मुख्यमंत्री की तरफ ध्यान आकर्षित करने पर संशोधित आदेश जारी किया गया है. जिसमें गुर्जर शब्द का उल्लेख नहीं है. यह सराहनीय निर्णय है. कांग्रेस नेता धीरज गुर्जर ने भी ट्वीट कर लिखा- इस तरह का पत्र निकालना और उसमें सिर्फ गुर्जर जाति का उल्लेख करना कतई शोभनीय नहीं देता. इस तरह के पत्र के प्रति सीएम गहलोत और परिवहन मंत्री की तरफ ध्यान आकर्षित करते हुए इस आदेश को परिवर्तित कराने का आग्रह करता हूं.
मुख्यमंत्री आवास पर हुई परिवहन विभाग की बैठक
वहीं आज मुख्यमंत्री आवास पर परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग की बैठक की गई जिसमें परिवहन मंत्री बृजेंद्र ओला, सीएस उषा शर्मा और परिवहन विभाग के तमाम अधिकारी मौजूद थे. बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बढ़ते रोड एक्सीडेंट को लेकर चिंता व्यक्त की. इस दौरान सड़क सुरक्षा को लेकर मजबूत नीति बनाने देने के साथ ही परिवहन विभाग की ओर से आमजन बेहतर सुविधा देने पर चर्चा की गई.
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