
Madhya Pradesh सरकार ने रासायनिक खादों और कीटनाशकों वाली जहरीली खेती को छोड़कर Natural Farming की ओर जाने के लिए पहला कदम आगे बढ़ा दिया है. मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में मध्य प्रदेश प्राकृतिक कृषि विकास बोर्ड के गठन को मंजूरी दी गई. इसके जरिए प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को प्रोत्साहन एवं सहयोग प्रदान किया जाएगा. यह बोर्ड राज्य सरकार की आर्थिक मदद से चलेगा और एक स्वतंत्र संगठन के रूप में काम करेगा. सोमवार को ही नीति आयोग (NITI Aayog) की एक बैठक में शिवराज सिंह चौहान ने नेचुरल फार्मिंग के लिए देसी गाय पालने वाले किसानों को हर महीने 900 रुपये देने का एलान किया था.
प्राकृतिक कृषि विकास बोर्ड में 17 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है. बोर्ड के अमले के वेतन, भत्ते एवं अन्य प्रशासकीय खर्च आदि के लिए हर साल लगभग 5 करोड़ रुपये खर्च होंगे. बोर्ड में निगरानी एवं समीक्षा के लिए राज्य स्तर पर मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में शीर्ष निकाय औरमुख्य सचिव की अध्यक्षता में टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा. बोर्ड के राज्य परियोजना संचालक कृषि विभाग के अपर मुख्य सचिव होंगे. इसका मुख्यालय भोपाल में होगा.
हर जिले में एक गांव में नेचुरल फार्मिंग पर करेंगे फोकस
राज्य सरकार ने नेचुरल फार्मिंग के लिए प्रदेश के 5200 गांवों को सबसे पहले टारगेट करने का फैसला लिया है. यानी हर जिले में एक गांव को. इन गांवों के लोगों से अपील की जाएगी कि वो अपनी कुल खेती योग्य जमीन के कुछ हिस्से में प्राकृतिक खेती को भी आजमाएं. इससे खाद-पानी और कीटनाशकों पर होने वाला खर्च बचेगा. मध्य प्रदेश में जैविक खेती (Organic Farming) का सबसे बड़ा रकबा है. यहां 17 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में ऑर्गेनिक खेती होती है. जिसे धीरे-धीरे प्राकृतिक में बदलने का प्लान है.
प्राकृतिक खेती पर और क्या करेगी सरकार
मई में गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत की लीडरशिप में कृषि से जुड़े विभागों के अधिकारियों के लिए राज्य स्तरीय कार्यशाला की जाएगी. क्योंकि किसी भी योजना को सफल बनाने के लिए सबसे पहले अधिकारियों को तैयार करना जरूरी है. अब तक सूबे के 1.65 लाख किसानों ने प्राकृतिक खेती में दिलचस्पी दिखाई है. जबकि यहां जैविक खेती से करीब पौने आठ लाख किसान जुड़े हुए हैं. नर्मदा नदी के दोनों ओर ऐसी खेती को प्रमोट करने का प्लान बनाया गया है.
हरियाणा में भी बोर्ड गठित करने की तैयारी
भाजपा शासित हरियाणा में भी प्राकृतिक कृषि बोर्ड बनाने की तैयारी चल रही है. राज्य सरकार ने कृषि विभाग में अलग से नेचुरल फार्मिंग विंग बनाने का फैसला लिया है. जिसमें एक एडिशनल डायरेक्टर नियुक्त किया जाएगा. यहां पर सरकार ने प्राकृतिक खेती में नुकसान होने पर तीन साल तक भरपाई भी करने का फैसला लिया है. इस साल के बजट में हरियाणा सरकार ने नेचुरल फार्मिंग को बढ़ावा देने के लिए 32 करोड़ रुपए का इंतजाम किया है.
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