राजस्थानराज्य

Karauli violence: करौली में फिर बढ़ाई गई कर्फ्यू की अवधी, 14 अप्रैल तक जारी रहेगी पाबंदी

राजस्थान  के करौली में 2 अप्रैल को नवसंवत्सर को निकाली गई रैली पर हुए पथराव, आगजनी के बाद लागू कर्फ्यू (Karauli violence ) को 14 अप्रैल तक के लिए बढ़ा दिया गया है (Karauli Curfew Extended). हालांकि कर्फ्यू में मंगलवार को सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक 9 घण्टे की ढील रही. कर्फ्यू में 9 घण्टे की ढील से आमजन को राहत मिली है. घटना के बाद कानून व्यवस्था प्रभावित होने पर 14 अप्रेल तक शहर में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है. जो सुबह 7 बजे तक जारी रहेगा.

मंगलवार को मिली छूट के बाद खरीददारी के लिए सुबह 9 बजे ही लोग बाजारों में निकल गए. जिससे बाजारों में चहल-पहल नजर आई. इस छूट अवधि में सभी प्रकार की दुकानों को खोलने की छुट दी गई. घटना के बाद कानून व्यवस्था प्रभावित होने पर 14 अप्रेल तक शहर में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है. शहर में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों के साथ चप्पे चप्पे पर पुलिस बल की तैनाती की गई है. इधर राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने मंगलवार को करौली जिला प्रशासन पर आरोप लगाया कि उसने हिंसा के 10 दिन बाद भी नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की और निर्दोष लोगों को जेल में बंद कर दिया. उन्होंने उन्हें मुआवजा देने की मांग की जिनकी दुकानें दंगे में जला दी गईं.

“पत्थर फेंकने वाले और पिटने वाले को एक तराजू में कैसे तौल सकते हैं”

दंगाग्रस्त इलाकों में दौरा करने के बाद घायलों से मुलाकात करने पहुंची राजे ने करौली में मीडिया से बातचीत में कहा कि घटना के 10 दिन बाद भी नामजद आरोपी गिरफ्तार नहीं किये गये हैं. उन्होंने प्रशासन से दोषियों को तुरंत गिरफ्तार करने एवं नुकसान उठाने वालों को मुआवजा देने की मांग की है. उन्होंने प्रशासन पर एकतरफा कार्रवाई करने का आरोप लगाते हुए कहा जो पत्थर फेंक रहा था और जो पिट रहा था, उनदोंनो को एक तराजू में कैसे तौल सकते हैं आप ? जो लोग घायल होकर अस्पताल में गये उन्हें उठा-उठा कर जेल में बंद कर दिया गया.. उनके ऊपर कठोर से कठारे धाराएं लगाई गईं. उन्होंने आरोप लगाया, पुलिस ने ऐसे लोंगो को पकड़-पकड़ कर बंद कर दिया जिनका हिंसा से कोई मतलब ही नहीं था और उन पर आजीवन कारावास की धारा लगा दी. उन्होंने कहा कि आज घटना को 10 दिन हो गये हैं लेकिन जिन लोंगो की दुकानें नष्ट कर दी गई हैं..आज तक प्रशासन का कोई भी व्यक्ति उनकी दुकानो में नहीं गया है.

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