बिहारराज्य

कुख्यात है कस्तूरबा नगर : शराब तस्करों का गढ़ रहा है ये इलाका, जाने से डरते हैं पुलिसवाले भी

कई दशकों से विवेक विहार का कस्तूरबा नगर इलाका शराब तस्करों का गढ़ रहा है। सूत्रों का कहना है कि करीब 60 से 65 परिवारों का धंधा अवैध शराब बेचना है। कमाल की बात यह है कि यहां पति-पत्नी को एक साथ मिलकर शराब का धंधा करते हैं। ज्यादातर परिवारों के बच्चे भी बड़े होकर शराब का ही धंधा करते हैं। इन लोगों का धंधा राजस्थान, हरियाणा और यूपी से शराब की तस्करी कर दिल्ली में बेचना है। चाहकर भी पुलिसकर्मी यहां कुछ नहीं कर पाते हैं। 



पुलिस सूत्रों का कहना है कि पुरुषों के अलावा यहां की महिलाएं ज्यादा दबंग हैं। पुलिस की रेड पड़ते ही वह अपने कपड़े फाड़ने लगती हैं। वहां पहुंचे पुलिस कर्मियों पर तरह-तरह के आरोप लगाने लगती हैं। ऐसे में पुलिसकर्मी यहां जाने से ही बचते हैं। सूत्रों का कहना है कि 24 घंटे यहां किसी भी समय शराब उपलब्ध रहती है। इन लोगों की दबंगई का यह नतीजा है कि आसपास के मोहल्ले के लोग तो यहां आने से भी कतराते हैं।



कस्तूरबा नगर इलाका मई 2019 में जब सुर्खियों में आया जब इन लोगों ने पुलिस बूथ के नजदीक दिल्ली पुलिस के एसआई राजकुमार की पीट-पीटकर हत्या कर दी। मामले पर पर्दा डालने का प्रयास किया गया। लेकिन परिजनों ने शराब तस्करों पर ही राजकुमार की हत्या करने का आरोप लगाया था। राजकुमार अपनी पत्नी व दो बेटियों के साथ कस्तूरबा नगर इलाके में रहते थे। जब उन पर हमला हुआ था उस समय भी लोग तमाशबीन थे। 

स्थानीय लोगों का कहना है कि अवैध शराब का धंधा करने वाले परिवार इतने दबंग है कि कोई भी इनके खिलाफ बोलने की हिम्मत भी नहीं जुटा पाता है। जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि मौजूदा समय में यहां दो दर्जन से अधिक घोषित बदमाश हैं, इनमें महिलाएं और पुरुष दोनों शामिल हैं, जिनके खिलाफ शराब तस्करी के धंधे के मामले दर्ज हैं।

विवेक विहार थाने में इंस्पेक्टर रहे एक पुलिस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इन लोगों से निपटने का तरीका बस यही कि हर गली में पुलिस पिकेट बना दी जाए। ऐसे में इनके नेटवर्क में उसके बाद आसानी से सेंध लगाई जा सकेगी।

पुलिस ने तीन आरोपियों को किया गिरफ्तार 

विवेक विहार के कस्तूरबा नगर में 26 जनवरी को भीड़ का शिकार बनी 20 साल की पीड़िता के मामले में पुलिस ने तीन और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार दो पुरुष हैं जबकि एक आरोपी महिला है। गिरफ्तार एक आरोपी युवती के साथ दुष्कर्म के मामले मे शामिल था। पुलिस इस मामले में अब तक दो पुरुष और आठ महिलाओं को गिरफ्तार कर चुकी है। वहीं पकड़े गए अन्य दो आरोपी नाबालिग हैं। 

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में और भी गिरफ्तारी हो सकती है और पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ कर वारदात में शामिल आरोपियों की पहचान कर उनकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों की निशानदेही पर उनके फोन, वारदात में इस्तेमाल डंडा और पाइप बरामद कर लिया गया है। पुलिस उस ऑटो की बरामदगी का प्रयास कर रही है, जिसपर पीड़िता को अगवा किया गया था। पुलिस सूत्रों का कहना है कि पीड़िता काफी डरी सहमी है। बृहस्पतिवार को पुलिस ने पीड़िता का अदालत में बयान दर्ज करवाया। वहां उसने अपने घर जाने से इंकार कर दिया। इसलिए उसे शेल्टर होम में भेज दिया गया है। वहां उसकी सुरक्षा के साथ साथ देखभाल भी की जा रही है ताकि उसकी मानसिक पीड़ा को कम किया जा सके।

पुलिस ने आरोपियों से कई फोन बरामद किए हैं। जिसमें से एक फोन ऐसा है जिसमे कमरे के भीतर का वीडियो बनाया गया था। पुलिस ने उस फोन को फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है। पुलिस का कहना है कि सीसीटीवी कैमरों के जरिए उस ऑटो का नंबर ले लिया गया है, जिसपर पीड़िता को अगवा किया गया था। पुलिस उस ऑटो की बरामदगी के लिए लगातार दबिश दे रही है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक उन लोगों की भी तलाश की जा रही है, जिसने पीड़िता को गली में घूमाने के दौरान वीडियो बनाया था। ताकि वायरल वीडियो को सत्यापित किया जा सके।

इलाके में अब भी खौफ का माहौल
इलाके में अब भी खौफ का माहौल है। कस्तुरबा नगर के जिस गली में घटना को अंजाम दिया गया, वहां आज भी सन्नाटा पसरा हुआ है। वहां रहने वाले लोग घटना को लेकर कुछ भी कहने से बच रहे हैं। आस पास रहने वाले लोग बातें कर रहे हैं लेकिन किसी अनजान को देखते ही चुप्पी साध लेते हैं। कोई भी खुलकर इस घटना के बारे में कहने से बच रहा है। गली में इक्का दुक्का लोग ही बाहर में घूमते हुए नजर आए। बताया जा रहा है कि घटना के बाद पुलिस की कार्रवाई से बचने के लिए भी लोग अपने घरों से जा चुके हैं। पुलिस जांच के दौरान के घटना को लेकर वायरल हो रहे वीडियो को देखकर उसमें शामिल लोगों की पहचान कर उनपर कार्रवाई कर रही है। 

सदमें में पीड़िता, पुलिस ने सुरक्षा के नाम की खानापूर्ति

हैवानियत की शिकार हुई पीड़िता गहरे मानसिक सदमे में है। परिवार का कहना है कि गहरे सदमे के कारण वह ठीक से खाना भी नहीं खा पा रही है। वारदात के बाद पुलिस ने उसका प्राथमिक उपचार कराने के बाद उसकी काउसंलिंग भी कराई थी। पीड़िता की हालत यह है कि वह ठीक से बोल भी नहीं पा रही है। परिवार का कहना है कि दबंग आरोपी कभी भी उनके परिवार को निशाना बना सकते हैं।

दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष के कहने पर पुलिस ने खानापूर्ति करने के लिए पीड़िता के घर के बाहर तीन पुलिस कर्मियों को परिवार की सुरक्षा के लिए बिठा दिया है। लेकिन उनको परिवार की सुरक्षा से कोई मतलब नहीं है। पीड़िता के घर में कौन आ रहा है कौन जा रहा है, इससे भी उनको कोई मतलब नहीं था।

पीड़िता की छोटी बहन ने आरोप लगाया है कि आरोपी लगातार उनके परिवार पर उसकी बहन का पता बताने का दबाव बना रहे थे। पिछले करीब दो माह से उन्हें कई बार धमकाया गया। गत 19 जनवरी को आरोपियों ने उसके परिवार पर हमला कर उनका ऑटो जला दिया। उसकी मौसी को भी पीटा गया। पीड़िता की बहन ने दावा किया कि उसने 19 जनवरी को विवेक विहार थाने में जाकर आरोपियों की शिकायत की तो उनकी एक न सुनी गई।

उनको थाने से टरका दिया गया। पुलिस अधिकारी शिकायत मिलने की बात से साफ इंकार कर रहे हैं। पीड़िता की बहन ने बताया कि उसके पिता चार साल से बिस्तर पर हैं, वह अकेली अपनी रक्षा कैसे करेगी। उसका कहना था कि अभी तो मामला गर्म है तो उनके परिवार की सुनी जा रही है, लेकिन कुछ ही दिनों बाद उसके परिवार का पता नहीं क्या होगा। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी परिवार को आगे भी सुरक्षा देने की बात कर रहे हैं।

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्वी दिल्ली सांसद के सचिव ने की परिवार से मुलाकात…
कांग्रेस के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी ने शुक्रवार को पीड़ित परिवार से उनके घर जाकर मुलाकात की। उन्होंने परिवार को हर संभव मदद करने का भरोसा दिया, इसके अलावा आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की। दूसरी ओर पूर्वी दिल्ली सांसद गौतम गंभीर के सचिव गौरव अरोड़ा ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की। दरअसल सांसद कोरोना संक्रमित हैं, इस वजह से वह खुद पीड़ित परिवार से मुलाकात नहीं कर सके। गौतम गंभीर ने अपने सचिव के जरिये फोन पर पीड़ित परिवार से बातचीत कर उनको हर संभव मदद करने का भरोसा दिया।

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