लखनऊ। उच्च स्तर पर बने गतिरोध के कारण स्थानांतरण सत्र के दौरान स्वास्थ्य विभाग में एक भी तबादला नहीं हो सका। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने तबादलों से संबंधित फाइलों को देख कर मुख्यमंत्री के पास भेज दिया है।
अब तबादले तभी हो सकेंगे, जब मुख्यमंत्री अपनी सहमति देंगे। तबादले नहीं होने का प्रमुख कारण माननीयों की सिफारिशों की अनदेखी बताई जा रही है, जिसे लेकर उप मुख्यमंत्री (विभागीय मंत्री), शासन और निदेशालय स्तर पर यह गतिरोध बना है।
सूत्र बताते हैं कि मुख्य चिकित्सा अधिकारियों की तबादला सूची पर विभागीय मंत्री और शासन स्तर पर सहमति नहीं बन पाना गतिरोध का बड़ा कारण है। तमाम माननीयों के सिफारिशी पत्र इसके लिए शासन को भेजे गए थे।
चर्चा है कि शासन स्तर पर सिफारिशी पत्रों का बहुत संज्ञान नहीं लिया गया। निदेशालय स्तर पर होने वाले तबादलों की सूची में भी ऐसा ही कुछ हुआ है। निदेशालय की सूची से भी उप मुख्यमंत्री संतुष्ट नहीं थे। इस गतिरोध के कारण बाबू से लेकर सीएमओ तक होने वाले सैकड़ों तबादले नहीं हो सके।
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य, स्वास्थ्य महानिदेशक, निदेशक (प्रशासन), निदेशक पैरामेडिकल, निदेशक नर्सिंग आदि के द्वारा कार्मिकों के अनुरोध और प्रशासनिक आधार पर बड़ी संख्या में तबादलों की सूची उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के पास उनकी सहमति के लिए भेजी गई थी।
उप मुख्यमंत्री ने समस्त फाइलों को देख कर मुख्यमंत्री को भेज दी हैं। तबादला सत्र 15 जून को समाप्त हो गया है। इसकी वजह से अब जो भी स्थानांतरण होंगे, उनमें मुख्यमंत्री की स्वीकृति अनिवार्य है।
दूसरी तरफ उप मुख्यमंत्री ने चिकित्सा शिक्षा विभाग से आई फाइलों पर अपनी सहमति दी जिसके बाद वहां नर्सिंग अधिकारियों और लैब टेक्नीशियन के तबादले रविवार को हुए। चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव भी पार्थसारथी सेन शर्मा ही हैं।
होम्योपैथी निदेशालय से हुए सभी तबादले निरस्त
आयुष विभाग के होम्योपैथी निदेशालय से हुए समूह ख, ग और घ के सभी तबादलों को निरस्त कर दिया गया है। बताया जाता है कि निदेशालय स्तर से किए गए इन तबादलों में स्थानांतरण नीति का पालन ठीक से नहीं किया गया था। तबादले में लेन-देन की चर्चाएं भी हैं।
सूत्र बताते हैं कि होम्योपैथी निदेशक द्वारा बड़ी संख्या में समूह ख, ग और घ के तबादले किए गए थे। तबादलों में स्थानांतरण नीति की अनदेखी और अन्य आरोपों की शिकायत आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा. दयाशंकर मिश्र दयालु तक पहुंची थी।
मंत्री ने शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए तबादला आदेशों को निरस्त करने का आदेश विभागीय उच्चाधिकारियों को दिया था। इसके बाद निदेशक होम्योपैथी प्रो.अरविंद कुमार वर्मा ने स्थानांतरण आदेशों को अपरिहार्य कारणों से निरस्त किए जाने का आदेश जारी किया है।
आयुष विभाग के प्रमुख सचिव रंजन कुमार ने कहा कि ऐसा क्यों किया गया इसकी जानकारी निदेशक होम्योपैथी ही देंगे। निदेशक इस मुद्दे पर बातचीत करने से बचते रहे।
