शिक्षक दिवस पर प्यारे बच्चों देना ये उपहार। जातिवाद से ऊपर उठकर करना मानवता व्यवहार|
छुआछूत और भेदभाव में कभी नहीं उलझना,
मानव-मानव एकसमान हैं हां सभी सुलझना|
नारी का तुम सभी रूप में सम्मान सदा ही करना,
माँ,बहना,बेटी,पत्नी का अपमान कभी ना करना|
झूठ,अन्याय और अत्याचार पर करना तुम प्रहार,
शिक्षक दिवस पर प्यारे बच्चों देना ये उपहार|
शिक्षा में परचम लहराना छूना शिखर सदा ही,
गुरुजन और बृध्दजनों का करना सम्मान सदा ही|
कदम जमाना सदा सत्य पर लालच ना कोई डिगा सके,
कर्तव्य निभाना सदा अडिग हो भय ना कोई हिला सके|
जहाँ-जहाँ तुम प्यारे बच्चों शिक्षा का दीप जलाओगे,
वहाँ-वहाँ तुम प्यारे बच्चों सम्मान मुझे दिलाओगे|
देश-विदेश में ख्याति पाकर करना तुम शिक्षा प्रसार,
शिक्षक दिवस पर प्यारे बच्चों देना ये उपहार|
आजीवन तुम प्यारे बच्चों स्वाभिमान ना झुकने देना,
आजीवन तुम प्यारे बच्चों शिक्षा दीप ना बुझने देना|
बात करोगे मानवता की विश्व पताका फहराओगे,
सारे जहाँ में प्यारे बच्चों राष्ट्र ध्वज लहराओगे|
समान दृष्टि से देखोगे तुम बहेगी समदर्शी फुहार,
शिक्षक दिवस पर प्यारे बच्चों देना ये उपहार|
रचनाकार
डॉ.पी.बी.समदर्शी,एटा(उ.प्र.)
(प्रेरक वक्ता)
