गौरव कुमार हत्याकांड के तमाम साक्ष्य होने के बाबजूद हत्यारे खुलेआम घूम रहे हैं: एडवोकेट डॉ एपी सिंह
सब एडिटर: अमित माथुर
एटा। अलीगढ़ जिले के थाना हरदुआगंज के अंतर्गत गांव नयावास इमलानी में 22 अप्रैल 2024 की सुबह 26 वर्षीय युवक गौरव कुमार के गोली मारकर किए गए जघन्य हत्याकांड में अबतक हत्यारों की गिरफ्तारी न होने के कारण मृतक गौरव कुमार के परिजन न्याय के लिए दर-दर भटक रहे हैं लेकिन अबतक पुलिस की तरफ से आरोपियों की गिरफ्तारी तो छोड़िए, ऐसी कोई कार्रवाई जमीनीस्तर पर नहीं होती दिख रही है जिससे मृतक के परिजनों को लगे कि उनको न्याय मिल सकेगा।
देश के जाने-माने वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ एपी सिंह कर रहे हैं मृतक गौरव कुमार हत्याकांड केस की पैरवी….
अलीगढ़ पुलिस से न्याय ना मिलने पर मृतक गौरव कुमार के भाई कौशल कुमार ने अब देश के जाने-माने वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ एपी सिंह का दरवाजा खटखटाया है, बता दें गौरव कुमार हत्याकांड मामले में अलीगढ़ पुलिस का ढीला रवैया हत्यारोपियों के हौंसले बुलंद कर रहा था, आरोपियों द्वारा गवाहों को जान से मारने की धमकियां दी जा रही हैं, इसको देखते हुए मृतक गौरव कुमार के भाई कौशल कुमार की मांग पर अलीगढ़ के तेजतर्रार डीआईजी प्रभाकर चौधरी ने गौरव कुमार हत्याकांड की जांच एटा क्राइम ब्रांच को सौंप दी है।
एटा क्राइम ब्रांच को जांच मिलने के बाद गौरव कुमार हत्याकांड की पैरवी कर रहे देश के जाने-माने वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ एपी सिंह केस के सिलसिले में एटा आने पर प्रेसवार्ता कर अपना पक्ष रखा तथा पुलिस के रवैए पर गंभीर आरोप लगाए। सुप्रीम कोर्ट के जाने-माने वकील एपी सिंह ने कहा कि गौरव कुमार की हत्या के पूरे साक्ष्य होने के बावजूद भी एटा पुलिस के द्वारा अबतक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की गई, जबकि मुकदमा अपराध संख्या 223 /24 अंतर्गत धारा 302, 122 बी 504 506 थाना हरदुआगंज में दर्ज है लेकिन हत्यारों की गिरफ्तारी नहीं की जा रही है। मृतक गौरव कुमार अपनी शादी का निमंत्रण कार्ड देने अपने पैतृक गांव नयावास इमलानी गए हुए थे वहां के ही आरोपी सेठीराम, राजवीर, सतपाल, धर्मेंद्र, सत्यप्रकाश आदि लोगों ने गौरव कुमार को घेरकर उसकी पीठ में गोली मारकर निर्मम हत्या कर दी।
डीआईजी द्वारा पुलिस अधीक्षक एटा को मामले की जांच सौंपी गई लेकिन अभी तक सभी अभियुक्त खुलेआम न्याय व्यवस्था का मजाक बनाते हुए घूम रहे हैं, गौरव के हत्यारों एवं आरोपियों का गैंगस्टर जैसे कई जघन्य अपराधों का लंबा-चौड़ा इतिहास है इसके बावजूद भी अभी तक ना जांच पूर्ण हो पाई नाहीं अब-तक कोई गिरफ्तारी हो पाई है।
एटा क्राइम ब्रांच को जांच सौंपे हुए भी बहुत दिन हो गए हैं, इन्वेस्टिगेशन चल रही है लेकिन अभी भी उसका कोई फुल प्रूफ पर्पस सर्व नहीं हुआ है। हत्या साफ दिख रही है उसमें वीडियो है साक्ष्य में, काॅल रिकार्डिंग है, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट है, जो तमंचा है जिससे हत्या की गई उसकी भी रिकवरी हो गई और उसपर जो फिंगरप्रिंट रिपोर्ट सभी साक्ष्य हैं, अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं, हत्या के सम्बंध में जिनके बयान लिए गए उन गवाहों को लगातार जान से मारने की धमकी दी जा रही है डराया जा रहा है, साथ ही मृतक के परिजनों को भी खतरा है। इसके साथ ही अधिवक्ता डॉ एपी सिंह ने कहा कि इस मामले की जांच पांचवीं बार ट्रांसफर हुई है, पुलिस शायद हार्डकोर क्राइम इतिहास या धन-बल, जन-बल या बाहुबल के दबाव में आ जाती है कुछ तो कारण है इस घटना के नाम दर्ज एफआईआर होने पर भी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो पा रही है, यह कहीं ना कहीं पुलिस की कार्यशैली एवं मंशा पर भी सवाल खड़े कर रही है।
