बिहार विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो रहा है। भाजपा और उसके सहयोगी दल बिहार विधानसभा में महागठबंधन की सरकार को घेरने की तैयारी में हैं। भाजपा जबरदस्त तरीके से कानून व्यवस्था का मुद्दा उठा रही है। इसके अलावा 10 लाख नौकरी के मुद्दे पर भी नीतीश कुमार के सरकार को घेरने की तैयारी में है। शीतकालीन सत्र के पहले दिन राज्य विधानसभा के बाहर कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर भाजपा विधायकों ने विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान बेरोजगारी को भी बड़ा मुद्दा बनाया गया। पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने साफ तौर पर कहा है कि महागठबंधन की सरकार ने बिहार की जनता से जो भी वादा किया है, उसे हर हाल में पूरा किया जाना चाहिए।
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री ने साफ तौर पर कहा कि महागठबंधन सरकार के आगमन के बाद राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति पूरी तरीके से चरमरा गई है। उन्होंने कहा कि लोग महागठबंधन की सरकार से काफी ज्यादा निराश हैं और उन्हें एनडीए से उम्मीद भी है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था की स्थिति को सरकार सुलझाएं नहीं तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। कुल मिलाकर देखे तो बिहार विधानसभा में विपक्ष सरकार को घेरने की पूरी तैयारी में है। कानून व्यवस्था के मुद्दे पर सरकार के खिलाफ जबरदस्त तरीके से विपक्ष का हंगामा भी जारी है।
बिहार भाजपा ने ट्वीट कर लिखा कि एनडीए काल में निकाली गई 1.15 लाख शिक्षक अभ्यर्थी की नियुक्तियां तत्काल पूर्ण करो। एनडीए की 2.34 लाख सरकारी बहालियों को पूर्ण करो। BTET-CTET शिक्षक अभ्यार्थियों की बहाली तुरंत करो! इसके साथ ही बिहार भाजपा ने ट्वीट में लिखा कि शिक्षक अभ्यर्थियों की रोककर बहाली, नीतीश बाबू बिना शिक्षकों के ही स्कूल चलाएंगे! सुपौल जिले के 93 उत्क्रमित उच्च विद्यालय में एक भी शिक्षक नहीं। इन विद्यालयों से हर वर्ष करीब 9000 छात्र-छात्राएं भरते हैं मैट्रिक का फॉर्म।