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Budget 2023 : क्या तंबाकू उत्पादों पर टैक्स बढ़ेगा? इन 10 बातों पर सरकार का फोकस रहेगा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बुधवार को Budget 2023 पेश करेंगी। बजट भाषण सुबह 11 बजे शुरू होगा। 2024 में आम चुनाव से पहले मौजूदा सरकार का यह आखिरी पूर्ण बजट होगा। ऐसे में सरकार पर कई तरह के दबाव देखे जा रहे हैं। जहां सरकार का फोकस रेवेन्यू बढ़ाने पर रहेगा वहीं दूसरी तरफ सरकार यह भी चाहेगी कि आम और गरीब लोगों को भी राहत मिले। जानकारों की मानें तो सरकार रेवेन्यू बढ़ाने के लिए तंबाकू उत्पादों पर टैक्स बढ़ा सकती है। आइए आपको भी बताते हैं कि बजट में किन 10 बातों पर फोकस किया जा सकता है।

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Budget 2023 @CulpritTahalaka

सरकार ने इन पर रहेगा फोकस

  1. राजकोषीय घाटा : कैपिटल एक्सपेंडिचर में वृद्धि जारी रखते हुए सरकार से व्यापक रूप से फिस्कल कंसोलिडेशन पर बने रहने की उम्मीद है. इसके जीडीपी के 6.4 फीसदी के बजटीय ग्रॉस फिस्कल डेफिसिट टारगेट को पूरा करने की उम्मीद है. Emkay Global Financial Services के अर्थशास्त्रियों को वित्त वर्ष 2024 में GDP कंसोलिडेशन के 0.5-0.6 फीसदी की उम्मीद है, ताकि केंद्र के फिस्कल डेफिसिट को GDP के 5.8 फीसदी के करीब आंका जा सके.
  2. जीडीपी : अर्थशास्त्रियों के अनुसार ग्लोबल डिमांड के बीच वित्त वर्ष 24 में घरेलू मांग में मजबूती भारत की ग्रोथ ट्रैजेक्टरी की मेन ड्राइवर होगा. डॉमेस्टिक डिमांड इंडिकेटर्स ब्रॉड बेस रिकवरी दिखा रहे हैं, और इसके आधार पर, मॉर्गन स्टेनली ने वित्त वर्ष 2024 के लिए जीडीपी रेट 6.2 फीसदी आंकी है.
  3. कैपेक्स : वित्त वर्ष 2024 के बजट में कैपिटल एक्सपेंडिचर को और बढ़ावा मिलेगा, और सड़क और रेलवे आवंटन के मामले में सर्वोच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में शामिल होंगे. कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2024 के लिए कुल कैपेक्स 20 फीसदी बढ़ जाएगा, सड़कों और राजमार्गों में 25 फीसदी की वृद्धि और रेलवे में 20 फीसदी की वृद्धि होगी. एमके ग्लोबल ने कहा कि केंद्र का कैपेक्स-टू-जीडीपी अनुपात बढ़कर 2.9 फीसदी होने की उम्मीद है, जो प्री कोविड रेश्यो से लगभग 1.5 अंक अधिक है.
  4. उधार : जैसा कि पूंजी निवेश और ग्रामीण योजनाओं पर खर्च बढ़ने की उम्मीद है, केंद्र की शुद्ध और सकल उधारी वित्त वर्ष 24 में क्रमशः 12 लाख करोड़ रुपये और 15.1 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहने की संभावना है.
  5. ग्रामीण योजनाएं : आम चुनाव से पहले अंतिम वर्ष होने की वजह से सरकार से महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) जैसी ट्रांसफर स्कीम्स के थ्रू कृषि, ग्रामीण बुनियादी ढांचे और ग्रामीण आय को बढ़ावा देने के उपायों की घोषणा करने की उम्मीद है.
  6. एलटीसीजी : सरकार लंबी अवधि के कैपिटल गेन टैक्स में कुछ बदलाव की उम्मीद है. शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स पर छूट, म्यूचुअल फंड में रिटायरमेंट स्कीम्स को प्रोत्साहन मिल सकता है. व्यापार के लिए आय वर्गीकरण को सुव्यवस्थित करना, प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) और वस्तुओं के ट्रांजेक्शन टैक्स (सीटीटी) पर दोबारा विचार किया जा सकता है.
  7. पीएलआई : उम्मीद है कि सरकार उत्पादन से जुड़ी योजनाओं (पीएलआई) के तहत और अधिक क्षेत्रों को प्रोत्साहन देगी. पीएलआई योजना, जो वर्तमान में 14 सेक्टर्स में फैली हुई है, का टारगेट 5 वर्षों में 600 मिलियन डायरेक्ट और इनडायरेक्ट जेनरेट करना है. नेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन, गति शक्ति, आदि जैसी योजनाओं के माध्यम से आर्थिक बुनियादी ढांचे के लिए एक और प्रोत्साहन से नौकरी और उद्यमशीलता के अवसरों को बढ़ावा मिलने की संभावना है.
  8. डिसइंवेस्टमेंट : 2022-23 (अप्रैल-मार्च) के अपने केंद्रीय बजट में, सरकार ने 65,000 करोड़ रुपये का डिसइंवेस्टमेंट टारगेट रखा था. हालांकि, यह अब तक इस टारगेट का आधा से भी कम प्राप्त करने में सफल रहा है. PhillipCapital को उम्मीद है कि सरकार FY23 के लिए डिसइंवेस्टमेंट टारगेट को घटाकर 35,000 करोड़ रुपये कर देगी, और FY24 के लिए, यह आंकड़ा 60,000 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है.
  9. इनकम टैक्स : वित्त वर्ष 2023 में अपेक्षित 20 फीसदी वृद्धि के बाद कोटक इक्विटीज ने वित्त वर्ष 2024 में पर्सनल इनकम टैक्स रेवेन्यू में 12% की वृद्धि दर्ज की है. बाजार विशेषज्ञ पर्सनल इनकम टैक्स स्लैब में किसी बड़े बदलाव की उम्मीद नहीं कर रहे हैं.
  10. सिगरेट टैक्स : बजट में तंबाकू और तंबाकू प्रोडक्ट्स को दो साल तक अछूता रखने के बाद सरकार द्वारा व्यापक रूप से तंबाकू और तंबाकू प्रोडक्ट्स पर टैक्स बढ़ाने की उम्मीद है. केंद्र सरकार सिगरेट पर राष्ट्रीय आपदा आकस्मिक शुल्क (एनसीसीडी) लगाती है, जो बजट में बदलाव के अधीन है. FY21 के बजट में, NCCD को सिगरेट स्टिक के आकार में 2-4 गुना बढ़ाया गया, जिसके परिणामस्वरूप 9-15 फीसदी की कर वृद्धि हुई. एनसीसीडी का सिगरेट पर कुल करों में लगभग 10 फीसदी हिस्सा है, और तंबाकू टैक्स में 5 फीसदी की वार्षिक वृद्धि कर रही है.

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