Ashwin पर बोले Ravi Shastri |
नई दिल्ली। भारतीय स्पिनर रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) के खिलाफ दिए गए बयान पर रवि शास्त्री (Ravi Shastri) ने कहा कि उनका काम मक्खन लगाना नहीं है। उनकी टिप्पणी से अगर अश्विन को ठेस पहुंची है तो यह खुशी की बात है। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कोच रवि शास्त्री ने कहा कि किसी खिलाड़ी को चुनते समय उनका कोई एजेंडा नहीं था।
रवि शास्त्री ने कहा कि मेरा काम हर किसी के टोस्ट को मक्खन लगाना नहीं है। अगर कुलदीप पर दिए गए बयान से अश्विन को ठेस पहुंची तो मुझे अपने बयान पर खुशी है। इससे मैंने उसे कुछ अलग करने के लिए प्रेरित किया। अश्विन सिडनी टेस्ट नहीं खेले और कुलदीप ने अच्छी गेंदबाजी की। इसलिए यह उचित था कि मैं कुलदीप को मौका दूं। अगर आपका कोच आपको चुनौती देता है तो आप क्या करेंगे? रोते हुए घर जाएंगे और कहेंगे कि मैं वापस नहीं आऊंगा। मैं एक खिलाड़ी के रूप में इसे एक चुनौती के रूप में लूंगा ताकि कोच को गलत साबित कर सकूं।
बता दें कि पिछले दिनों एक इंटरव्यू में आर अश्विन ने खुलासा किया था कि साल 2018 में उन्होंने इंग्लैंड श्रृंखला के बाद संन्यास लेने के बारे में गंभीरता से सोचा था। उन्हें लगा कि टीम के लिए शानदार प्रदर्शन करने के बावजूद उन्हें पर्याप्त मौके नहीं दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा था “मैंने कई कारणों से संन्यास के बारे में सोचा। मुझे लगा कि लोग मेरी चोटों के प्रति पर्याप्त संवेदनशील नहीं थे। मुझे लगा कि बहुत सारे लोगों का समर्थन किया गया, मुझे क्यों नहीं? मैंने कम नहीं किया है। मैंने बहुत सारे खेल जीते हैं।”
शास्त्री की तुलना से पहुंची ठेस
रवि शास्त्री ने साल 2018 में ऑस्ट्रेलिया सीरीज के दौरान कुलदीप यादव को नंबर एक स्पिनर बताया था। दरअसल उस दौरे पर सिडनी टेस्ट में कुलदीप ने पहली पारी में 5 विकेट लिए थे। इसके बाद शास्त्री ने अश्विन से कुलदीप की तुलना करते हुए बड़ा बयान दिया था। शास्त्री ने कहा था, “विदेशों में कुलदीप भारत के नंबर वन स्पिनर हैं। अश्विन सिर्फ भारतीय पिचों पर गेंदबाजी करने के लिए बने हैं।” अश्विन ने पूर्व कोच की इस बात अफसोस जाहिर किया था।
अश्विन ने कहा था, “मैं आमतौर पर मदद की तलाश नहीं करता कि किसी को मेरा समर्थन करने की जरूरत है। मैं किसी सहानुभूति की उम्मीद भी नहीं करता हूं। मुझे लगा कि मैं अपना सौ फीसदी नहीं दे पा रहा था। मैंने सोचा कि शायद मुझे कुछ और खोजने की कोशिश करनी चाहिए और उसमें उत्कृष्ट होना चाहिए। 2018 और 2020 के बीच मैंने विभिन्न बिंदुओं पर खेल को छोड़ने पर विचार किया। मैंने सोचा मैंने बहुत प्रयास किया है, लेकिन यह नहीं हो रहा है। मैंने जितना कठिन प्रयास किया, उतना ही यह महसूस किया। मैं छह गेंदें फेंकने के बाद ही थक जाता था। सांस लेने में दिक्कत होती थी। शरीर दर्द करता था।”
भारतीय स्पिनर ने कहा था, “2018 में साउथेम्प्टन में इंग्लैंड श्रृंखला के बाद का समय काफी मुश्किल था। उस मुश्किल वक्त मैं जिस एकमात्र व्यक्ति से बात कर रहा था, वह मेरी पत्नी थी। उस दौरान मेरी पत्नी ने मुझे प्रेरित किया। वह लगातार कहती थी कि आप सफेद गेंद वाले क्रिकेट में वापसी करेंगे।” अश्विन ने यह भी कहा था कि उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के बाद 2018 में भी बाद में संन्यास लेने पर विचार किया था जब वह फिर से घायल हो गए थे।
Disclaimer: This article has not been edited by Culprit Tahalaka. This news is published by news agency or other source.
Latest India News In hindi, National NEWS, National politics News, india Politics
कलप्रिट तहलका (राष्ट्रीय हिन्दी साप्ताहिक) भारत/उप्र सरकार से मान्यता प्राप्त वर्ष 2002 से प्रकाशित। आप सभी के सहयोग से अब वेब माध्यम से आपके सामने उपस्थित है।
समाचार,विज्ञापन,लेख व हमसे जुड़ने के लिए संम्पर्क करें।