नई दिल्ली। भारत की टॉप डिस्कस थ्रो खिलाड़ी नवजीत कौर ढिल्लों (Navjeet Kaur Dhillon) की मुश्किलें बढ़ती दिख रही है। नवजीत कौर पर तीन साल का बैन लगा दिया गया है। डिस्कस थ्रो की टॉप इंडियन प्लेयर, कजाकिस्तान में एथलेटिक्स इंट्रीग्रिटी यूनिट (AIU) द्वारा आयोजित प्रतियोगिता के दौरान डोप टेस्ट में फेल हो गई थीं। प्रतियोगिता जून में आयोजित हुई थी। ढिल्लों का एनाबॉलिक स्टेरॉयड डीहाइड्रोक्लोरोमेथाइलटेस्टोस्टेरोन (anabolic steroid Dehydrochloromethyltestosterone) के मेटाबोलाइट के लिए टेस्ट पॉजिटिव आया है।
कई बार देश को दिलाई हैं पदक
27 वर्षीय नवजीत कौर ढिल्लों देश को डिस्कस थ्रो में कई बार पदक दिला चुकी हैं। वह 2018 के गोल्डकोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स में कांस्य पदक जीती थीं। बीते बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में वह पदक नहीं जीत पाईं थीं। बर्मिंघम में वह आठवें स्थान पर रहीं थीं।
कब हुआ था टेस्ट?
नवजीत कौर ढिल्लों का डोप टेस्ट बीते 24 जून को कजाकिस्तान में हुआ था। कजाकिस्तान के अल्माटी में डोप टेस्ट के लिए सैंपल लिए गए थे। इस टेस्ट के एक दिन पहले ही नवजीत कौर कौर ने 56.24 मीटर के थ्रो के साथ कोसानोव मेमोरियल मीट में गोल्ड मेडल जीता था। सैंपल की जांच के बाद यह पाया गया है कि वह ड्रग्स ली थीं। ढिल्लों की रिपोर्ट के अनुसार उनके सैंपल में DHCMT स्टेयरॉयड मिले हैं।
चार साल की बजाय तीन साल का प्रतिबंध
दरअसल, डोप टेस्ट में पकड़े जाने के बाद नियमानुसार चार साल का प्रतिबंध लगाया जाता है। एंटी डोपिंग रूल्स के अनुसार डोपिंग की पुष्टि होने पर चार साल का प्रतिबंध लगाया जाना अनिवार्य है। लेकिन नियम यह भी कहता है कि अगर आरोपी स्वीकार कर ले कि उसने नियमों का उल्लंघन किया है तो उसकी सजा कम हो सकती है। नवजीत कौर ढिल्लों ने एआईयू को लिखे पत्र में यह स्वीकार किया कि वह सप्लीमेंट्स का इस्तेमाल की थी। लेकिन उसे यह नहीं पता था कि यह प्रतिबंधित है।
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