
दारोगा भर्ती, शिक्षक भर्ती, 69 हजार शिक्षक भर्ती में आरक्षण घोटाला. उत्तर प्रदेश विधानसभा में जब बहस शुरू हुई तो फिर एक एक मुद्दे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) में टक्कर हुई. सीएम योगी आदित्यनाथ ने विधानससभा में आज भर्तियों में धांधली के मुद्दे पर खुलकर सरकार का पक्ष रखा. योगी आदित्यनाथ ने भरी सभा में डंके की चोट पर कहा कि भर्तियों में धांधली 2017 से हुआ करती थी. अब वो गुजरे जमाने की बात है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 2017 से अब तक पुलिस विभाग में 1 लाख 54 हजार, बेसिक शिक्षा विभाग में 1 लाख 26 हजार भर्तियां हुई, सभी भर्तियां बेदाग और पारदर्शी हैं . हालांकि विपक्ष ने योगी आदित्यनाथ के दावों को खारिज कर दिया.
सीएम योगी ने तमाम प्रदर्शनों को नकारा
विधानसभा में भर्तियों को लेकर योगी आदित्यनाथ के इस बयान से एक बात साफ हो गई कि उन्होंने उन तमाम आंदोलनों को नकार दिया जो पिछले एक साल में लखनऊ के इको गार्डन और प्रयागराज में हुए. दारोगा भर्ती अभ्यर्थियों के दावों को भी सीएम योगी आदित्यनाथ ने नकार दिया, जो 14 अप्रैल के बाद से आंदोलित हैं. दारोगा भर्ती में धांधली का आरोप लगाकर प्रदेश भर के अभ्यर्थी प्रदर्शन कर रहे हैं, क्योंकि सदन में राज्यपाल के अभिभाषण पर योगी आदित्यनाथ धन्यवाद प्रस्ताव भाषण दे रहे थे, इसलिए नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव को तुरंत काउंटर करने का मौका नहीं मिला, लेकिन जब मिला तो अखिलेश यादव ने भर्तियों से लेकर पेपर लीक तक पूरा चिट्ठा खोल दिया. अखिलेश यादव ने योगी आदित्यनाथ के भाषण पर संशोधन प्रस्ताव दिया, लेकिन उनका प्रस्ताव ध्वनि मत से खारिज हो गया.
अखिलेश यादव के पास धांधली का डोजियर!
विधानसभा अध्यक्ष ने अखिलेश यादव को रोक दिया, क्योंकि मुख्यमंत्री योगी के जवाब पर बहस का नियम नहीं है. कार्यवाही खत्म होने के बाद अखिलेश यादव बाहर निकले और प्रेस कॉन्फ्रेंस करके एक एक सबूत पेश किया कि कैसे भर्तियों में धांधली और पेपर लीक हुए. शिक्षक भर्ती से लेकर दारोगा भर्ती तक, यूपी टीईटी पेपर लीक से ट्यूबवेल ऑपरेटर पेपर लीक तक, अखिलेश ने पूरा डोजियर खोलकर रख दिया, लेकिन सरकार मानने को तैयार नहीं है कि भर्तियों में कोई गड़बड़ी हुई है.
Disclaimer: This story is auto-aggregated by a computer program and has not been created or edited by ctahalaka.com.
कलप्रिट तहलका (राष्ट्रीय हिन्दी साप्ताहिक) भारत/उप्र सरकार से मान्यता प्राप्त वर्ष 2002 से प्रकाशित। आप सभी के सहयोग से अब वेब माध्यम से आपके सामने उपस्थित है।
समाचार,विज्ञापन,लेख व हमसे जुड़ने के लिए संम्पर्क करें।