उत्तर प्रदेश

स्वामी प्रसाद को सपा का महासचिव बनाने पर भड़की BJP, कहा- मौर्य इस्लामिक कट्टरपंथी एजेंट

समाजवादी पार्टी (सपा) ने रविवार को अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा की, जिसमें अखिलेश यादव को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रोफेसर गोपाल यादव को इसका प्रधान महासचिव बनाया गया है, जबकि मोहम्मद आजम खान, शिवपाल सिंह यादव और स्वामी प्रसाद मौर्य को सचिव बनाया गया है। . एसपीए के आधिकारिक ट्विटर हैंडल ने पार्टी की 62 सदस्यीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सूची साझा की।

प्रसाद मौर्य के शॉर्टकट बनाए जाने पर दलाल प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि श्रीरामचरितमानस का अपमान करने पर स्वामी प्रसाद को पुरस्कृत किया गया है। एसपीए चाहता है कि उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़े। सपा में जातीय संघर्ष पैदा करना चाहते हैं. स्पा आपके मंसूबों तक नहीं पहुंच पाएगा. अखिलेश यादव का हिंदू विरोधी और जातिवादी चेहरा सामने आ गया है। वहीं, कन्नौज से बीजेपी सांसद सुब्रत पाठक ने अखिलेश यादव और स्वामी प्रसाद मौर्य पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव और स्वामी प्रसाद मौर्य को इस्लामिक कट्टरपंथियों का एजेंट कहा जाता था।

सपा में अब 19 राष्ट्रीय सचिव

समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा सूची के अनुसार अखिलेश यादव को फिर से राष्ट्रीय अध्यक्ष, किरणमय नंदा को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, राम गोपाल यादव को राष्ट्रीय मुख्य महासचिव बनाया गया है। इसके अलावा मोहम्मद आजम खां, शिवपाल सिंह यादव, स्वामी प्रसाद मौर्य, रवि प्रकाश वर्मा, बलराम यादव समेत 14 राष्ट्रीय महासचिव होंगे। सुदीप रंजन सेन पार्टी के कोषाध्यक्ष होंगे, जबकि सदस्यों के अलावा 19 राष्ट्रीय सचिव होंगे।

चाचा-भतीजा के रिश्ते मजबूत

सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद शिवपाल सिंह यादव ने पिछले साल के आखिरी महीने मैनपुरी में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव के लिए जमकर प्रचार किया था और चुनाव में सपा की भारी जीत के बाद वह सपा में शामिल हो गई थीं। हालांकि 2022 के विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव के बीच नजदीकियों के बाद शिवपाल ने सपा के ही सिंबल पर विधानसभा चुनाव लड़ा और जसवंत नगर से विधायक बनने के बाद उन्होंने फिर से अखिलेश यादव से दूरी बना ली. अखिलेश यादव मतभेद दूर करने के बाद मैनपुरी उपचुनाव में चौथी बार मुलायम सिंह के छोटे भाई शिवपाल सिंह यादव के साथ एकजुट हुए और उसके बाद से चाचा-भतीजे का रिश्ता मजबूत हुआ है।

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