Budget Session 2024: कांग्रेस ने मोदी सरकार 3.0 के पहले बजट से पहले तीन मांगें, सरकार को हुई टेंसन
Budget Session 2024: कांग्रेस ने मोदी सरकार 3.0 के पहले बजट से पहले तीन मांगें रखी हैं। इस संबंध में कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर सोमवार (22 जुलाई) को पोस्ट किया।
जयराम रमेश ने लिखा कि बजट में किसान कल्याण के लिए तीन महत्वपूर्ण घोषणाओं की आवश्यकता है- MSP को कानूनी दर्जा, स्वामीनाथन फार्मूला के आधार पर MSP तय और किसानों के लिए कर्ज माफी।
इन मांगों के साथ ही जयराम रमेश ने कांग्रेस की ओर से जारी बयान भी शेयर किया जिसमें कहा गया कि आगामी बजट में कृषि कल्याण के लिए केंद्र सरकार की तरफ से तीन मुख्य घोषणा किए जाने की आवश्यकता है. कांग्रेस ने मांग की है कि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप C2+50% के फॉर्मूले के अनुरूप, एमएसपी के अंतर्गत आने वाली 22 फसलों के लिए एमएसपी बढ़ाएं. कांग्रेस ने अन्य मांगों में किसान कर्ज माफी की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 22 जुलाई को मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश करेंगी जिस पर पूरे देश की निगाहें हैं. इस कड़ी में सोमवार (21 जुलाई) से शुरू हो रहे बजट और मानसून सत्र से पहले पार्लियामेंट हाउस में सर्वदलीय बैठक बुलाई गई जिसमें सभी दल के नेताओं ने हिस्सा लिया।
भारतीय जनता पार्टी ने सर्वदलीय बैठक के दौरान विभिन्न दलों द्वारा उठाए गए कुछ मुद्दों को उसी वक्त सोशल मीडिया मंच पर साझा करने के लिए रविवार को कांग्रेस नेता जयराम रमेश की आलोचना की और कहा कि विपक्षी पार्टी को अगली बार ऐसी बैठक में किसी अधिक अनुभवी नेता को भेजने पर विचार करना चाहिए।
बैठक में शामिल रमेश ने दावा किया था कि संसद सत्र से पहले हुई सर्वदलीय बैठक में जनता दल (यूनाइटेड) और वाईएसआर कांग्रेस ने क्रमश: बिहार और आंध्र प्रदेश के लिए विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की लेकिन ‘अजीब’ बात यह रही कि तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) इस मामले पर चुप रही।
बीजेपी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि इन सर्वदलीय बैठकों से जुड़े लोगों का एक खास औचित्य और ‘प्रोटोकॉल’ होता है. उन्होंने कहा, ”मीडिया ब्रीफिंग के बाद विचारों का स्वतंत्र और स्पष्ट आदान-प्रदान होता है। लेकिन जयराम रमेश की टाइमलाइन पर एक नज़र डालें तो ऐसा लगता है कि वह कार्यवाही को लाइव पोस्ट कर रहे थे।