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चीन को भारत का करारा जवाब-तीसरे के Veto की हमें जरूरत नहीं, बीजिंग ने जताई थी US के साथ अभ्यास पर आपत्ति

India to China on Auli military exercises: भारत-अमेरिका संयुक्त सैन्य अभ्यास पर चीन की आपत्तियों पर भारत ने सख्त ऐतराज जताया है। भारत ने गुरुवार को चीन को दो टूक जवाब दिया कि वह अमेरिका के साथ संबंधों को वीटो करने की इजाजत किसी को नहीं देता। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत जिसके साथ चाहे उसके साथ सैन्य अभ्यास कर सकता है। इस मुद्दे पर किसी तीसरे देश की वीटो की जरूरत नहीं है। दरअसल, भारत-अमेरिका, उत्तराखंड के औली में दो महीने का सैन्य युद्ध अभ्यास कर रहे हैं। 

चीन के साथ समझौता नहीं है प्रभावित

चीन की आपत्तियों पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि उत्तराखंड के औली में अमेरिका के साथ भारत का चल रहा युद्ध अभ्याय चीन के साथ किसी प्रकार के हुए समझौतों का उल्लंघन नहीं है। भारत ने चीन के साथ 1993 व 1996 में दो समझौते किए जिनका इस संयुक्त अभ्यास से कोई लेना देना नहीं है। बागची ने कहा कि सवाल चीनी पक्ष ने खड़े किए हैं इसलिए मैं इतना ही कहना चाहूंगा कि चीनी पक्ष को 1993 और 1996 के इन समझौतों के अपने स्वयं के उल्लंघन के बारे में सोचने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बीजिंग के साथ 1993 का समझौता चीन और आस-पास के क्षेत्रों के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शांति बनाए रखने से संबंधित है। 1996 का समझौता विश्वास निर्माण उपायों के बारे में था।

चीन ने एक दिन पहले जताई थी आपत्ति

भारत-अमेरिका के संयुक्त युद्ध अभ्यास पर चीन ने आपत्ति जताई थी। बुधवार को चीन ने कहा कि भारत के साथ हुए दो समझौतों का उल्लंघन किया जा रहा है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन के हवाले से कहा गया कि चीन-भारत सीमा पर एलएसी के करीब भारत और अमेरिका के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास चीन और भारत के बीच 1993 और 1996 में हुए समझौते की भावना का उल्लंघन करता है।

संयुक्त अभ्यास चल रहा है औली में…

भारत की सेना अमेरिका की सेना के साथ संयुक्त युद्धअभ्यास कर रही। अमेरिका और भारत के संयुक्त युद्ध अभ्यास से चीन चौकन्ना हो गया है। दोनों देशों की सेना LAC (Line of Actual Control) से करीब 100 किलोमीटर दूर अभ्यास कर रही है। यह अभ्यास उत्तराखंड के औली में हो रहा है।  इस दौरान सैनिक अधिक ऊंचाई वाले इलाके में लड़ाई किस तरह लड़ी जाए, इसका अभ्यास करेंगे। दो साल में यह ऐसा दूसरा सैन्य अभ्यास हैं। इससे पहले अमेरिका के अलास्का में भारतीय और अमेरिकी सैनिकों ने अभ्यास किया था। युद्ध अभ्यास का उद्देश्य अमेरिका और भारत की सेना के बीच समझ और सहयोग बढ़ाना है। अभ्यास के दौरान जवान एक दूसरे से सीखेंगे कि अधिक ऊंचे और ठंडे रणक्षेत्र में कैसे लड़ाई लड़ी जाए। इससे पहले अगस्त में भारत और अमेरिका के स्पेशल फोर्स के जवानों ने हिमाचल प्रदेश में वज्र प्रहार नाम का संयुक्त युद्धअभ्यास किया था।

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