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China में Corona की दहशत… क्यों भारत को भी सावधान रहने की जरूरत है?

चीन में एक बार फिर कोरोना के मामले बेकाबू हो गए हैं. अस्पतालों में जगहें कम पड़ रही है, जबकि अंतिम संस्कार के लिए भी जद्दोजहद करनी पड़ रही है. रिपोर्ट्स के अनुसार, शी जिनपिंग की सरकार जो आंकड़े पेश कर रही है, मामला उससे कहीं ज्यादा गंभीर है. पैंडेमिक एक्सपर्ट एरिक फील-डिंग के दावे के बाद दुनिया के अन्य देशों की भी चिंताएं बढ़नी लगी है. डिंग ने दावा किया है कि चीनी सरकार की कोविड नीति दुनिया के लिए फिर से खतरा पैदा कर सकती है.

चीन के हालात पर भारत की भी नजर बनी हुई है. डर ये है कि चीन के रास्ते कहीं एक बार फिर कोविड दिक्कतें न बढ़ा दे. ओमीक्रोन वेरिएंट का कहर दुनिया के कई देशों ने झेला है और चीन में इस वक्त ओमीक्रोन के ही सबवेरिएंट BF.7 ने कहर बरपा रखा है. आइए समझने की कोशिश करते हैं कि क्याें भारत को सावधान रहने की जरूरत है और कैसे सावधान रहा जा सकता है.

क्यों खतरनाक है कोविड का ये सब वेरिएंट?

BF.7 ओमीक्रोन वेरिएंट BA.5 की सब-लीनिएज BA.5.2.1.7 का शॉर्ट फॉर्म है. इसकी संक्रमण दर बाकी सभी सबवैरिएंट्स से कहीं ज्यादा है. रिपोर्ट्स के अनुसार, BF.7 का इनक्यूबेशन पीरियड यानि संक्रमण और लक्षण दिखने के बीच का समय कम है और यह पहले से कोविड संक्रमित या वैक्सीनेटेड लोगों को भी आसानी से संक्रमित कर सकता है. BF.7 से संक्रमित एक व्यक्ति औसतन 10 से 18 लोगों को संक्रमित कर सकता है. चीन में इसलिए भी संक्रमण तेजी से फैल रहा है. ऐसे में इस वेरिएंट के मरीज भारत में भी बढ़ते हैं तो यह बड़ा खतरा हो सकता है.

यहां देखेंएरिक फील-डिंग की चेतावनी

चीन में क्यों मचा हाहाकार?

चीन में इस समय कोरोना से हाहाकार मचा हुआ है. मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार, दिग्गज वायरलॉजिस्ट डॉ गगनदीप कांग ने इसके पीछे 4 वजहें बताई हैं.

  1. पहली वजह- चीन में जितनी बुजुर्ग आबादी का वैक्सीनेशन होना चाहिए था, उतना हुआ नहीं, जबकि बुजुर्गों को ही कोविड से सबसे ज्यादा खतरा है.
  2. दूसरी वजह- सर्दियों का माैसम ऐसी बीमारियों के लिए एक अहम फैक्टर है. अस्पताल में पहले से ही वायरल संक्रमणों वाले मरीज भरे रहते हैं. ऐसे में कोविड की लहर बड़ी चिंता की बात है.
  3. तीसरी वजह- चीन में बूस्टर डोज लगवाने वालों की संख्या बेहद कम है. खासकर 60 साल से ज्यादा उम्र के 50 फीसदी लोगों को भी बूस्टर डोज नहीं लग पाई है.
  4. चौथी वजह- चीन की कोविड पॉलिसी में खामी है. क्वारंटीन और यात्रा को लेकर यहां सख्त नियम रहे. करीब तीन साल बाद भारी जनविरोध होने पर चीन ने हाल ही में पाबंदियां हटाई हैं और इसके चलते भी मामले बढ़े हैं.

भारत के लिए कितना खतरा है?

चीन के मुकाबले भारत में कोविड की स्थिति खासी बेहतर है. कोविड की तीन लहर झेल चुके भारत में वैक्सीनेशन और बूस्टर डोज की स्थिति काफी सही है. फिलहाल यहां सक्रिय कोविड मामलों की संख्या करीब 3500 बताई गई है. चीन में ओमीक्रोन के जो भी वैरिएंट्स फैल रहे हैं, वो भारत के लिए नए नहीं हैं. कोविड पर सरकार की ओर से बनाए गए जीनॉमिक कंसोर्टियम INSACOG ने ऐसे मामलों का पता लगाया है, जिसके अनुसार, भारत में कई महीनों से BF.7 मौजूद है, लेकिन वे बड़ा खतरा साबित नहीं हुए हैं.

डॉ कांग का मानना है कि चीन में जो कुछ हो रहा है, उसका भारत पर वैसा असर नहीं होगा. भारत ने कोविड की शुरुआत से ही चीन आने-जाने वाली उड़ानें नियंत्रित कर रखी है. उनका कहना है कि भारत में ज्यादातर लोगों में हाइब्रिड इम्युनिटी है.

कोविड वर्किंग ग्रुप NTAGI के प्रमुख एनके अरोड़ा के मुताबिक, भारत में अभी कोरोना को लेकर पैनिक होने की बिल्कुल जरूरत नहीं है. हालांकि चीन की स्थितियों पर नजर बनाए रखना जरूरी है. उन्होंने कहा, “INSACOG के आंकड़े दिखाते हैं कि ओमिक्रोन के करीब सभी सब-वेरिएंट दुनियाभर के कई देशों में पहले से हैं. ऐसे सब-वैरिएंट बहुत ज्यादा नहीं हैं जो भारत में सर्कुलेट कर रहे हैं.”

घबराएं नहीं पर सावधान रहना है जरूरी

एक्सपर्ट्स का कहना है कि कोरोना के प्रति लोग पहले से सावधानी बरतें और जिन्होंने अब तक बूस्टर डोज नहीं लिया, वह डोज ले लें. जिन लोगों को डायबिटीज, बीपी और कॉलेस्ट्रॉल जैसी बीमारियां हैं, वो खास खयाल रखें. बच्चे, बुजुर्ग और प्रेग्नेंट महिलाओं का भी ध्यान रखने की जरूरत है. बदलते मौसम से लोगों में सर्दी-जुकाम और खांसी होना आम है. तीन दिन से ज्यादा बुखार रह रहा है तो कोविड की जांच करवा सकते हैं. अगर टेस्ट पाॅजिटिव आता है तो कोविड की तमाम दवाएं उपलब्ध है. विशेषज्ञ चिकित्सक को दिखा लेना बेहतर होगा.

इधर, केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से कहा कि वे संक्रमित व्यक्तियों के नमूनों कीजीनोम सीक्वेंसिंग में तेजी लाएं और वायरस के बदलते वेरिएंट्स पर नजर रखें. रिपोर्ट्स के अनुसार, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया देश में कोविड-19 की स्थिति पर वरिष्ठ अधिकारियों और विशेषज्ञों के साथ बैठक करेंगे.

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