भ्रष्टाचार मुक्त भारत अभियान: एआरटीओ कार्यालय बना दलाली का अड्डा
कासगंज। जहां एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भ्रष्टाचार मुक्त भारत का नारा दे हैं साथ ही केंद्र सरकार में सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के एआरटीओ कार्यालयों में हो रही दलाली को रोकने के तमाम प्रयास नाकाम साबित हो रहे हैं।
वर्तमान समय में जहां केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी के प्रयासों से लर्निंग लाइसेंस बनने की प्रक्रिया भले ही बदल दी गई है लेकिन कासगंज जिले के एआरटीओ विभाग में लर्निंग लाइसेंस पर भी 600-700 रुपए की वसूली धड़ल्ले से की जा रही है, दरअसल लर्निंग लाइसेंस की फीस कटने के बाद कार्यालय द्वारा उसको वेरिफाई करना जरूरी है उसी के बाद ही आवेदक आॅनलाइन टेस्ट दे सकता।
लर्निंग लाइसेंस वेरिफाई के नाम पर 600-700 रुपए की वसूली के साथ ही वाहनों की फिटनेस पर करीब 1500 रुपए वसूले जा रहे हैं इसके अलावा परमानेंट लाईसेंस से लेकर सभी कार्यों पर वसूली की जा रही है जिसके लिए बाकायदा दलालों से बाबूओं से लेकर डीबीए ने सेटिंग बना रखी है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कार्यालय में कार्यरत बाबू और डीबीए इस खेल के मास्टरमाइंड है जो मिलकर इस भ्रष्टाचार के खेल को अंजाम दे रहे हैं।
हालांकि अभी जनपद में एआरटीओ कार्यालय की कमान नवागत एआरटीओ ने संभाली है अब देखना होगा वह कार्यालय में फैले इस भ्रष्टाचार को रोकने के लिए उचित कदम उठाते हैं या इस भ्रष्टाचार के दल-दल में लिप्त होकर इसको बढ़ावा देते हैं।