खसरा उन्मूलन के तहत जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन
खसरा उन्मूलन के तहत जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन
नियमित टीकाकरण में बढ़ेगी सीएचओ की सहभगिता
टीकाकरण कराएं और बच्चों को जानलेवा बीमारियों से बचाएं
पांच साल सात बार छूटे न टीका एक भी बार
कासगंज, 27 मार्च 2023।
खसरा उन्मूलन के तहत जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. अंजुश सिंह के नेतृत्व में समुदाय स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) के लिए जनपद के एक होटल में कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में खसरा उन्मूलन व नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में सीएचओ की सहभागिता बढ़ाने पर चर्चा की गई। जिसमें शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चों को जानलेवा बीमारियों के प्रति प्रतिरक्षित करने व साल 2023 के अंत तक भारत में खसरा व रूबेला बीमारी को निम्नतम करने हेतु विस्तृत जानकारी दी गई।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी ने बताया कि सीएचओ लकवा, खसरा, गलघोटू, काली खांसी, नवजात टिटनेस जैसी बीमारियों के बारे में बारीकी से अध्ययन करें। ऐसे मरीज मिलने पर तत्काल उनकी रिपोर्ट जिला प्रतिरक्षण अधिकारी और डब्लूएचओ एसएमओ को देंगे। उन्होंने बताया कि जनपद में 180 सीएचओ कार्यरत हैं, जिसमें से तीन ब्लॉक अमापुर, कासगंज व पटियाली के 55 सीएचओ को खसरा उन्मूलन व नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के बारें में प्रशिक्षित किया गया है, बाकि के ब्लॉक के सीएचओ के लिए आगामी दिवस में जिलास्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी ने कहा कि यदि बच्चा टीकाकरण से पूर्ण प्रतिरक्षित हो चुका है, तो बच्चा कम बीमार होगा। टीकाकरण बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर बीमारियों से लड़ने की ताकत देता है। इसलिए सही समय पर बच्चों का टीकाकरण कराकर जानलेवा बीमारियों से बचाना जरुरी है। डब्ल्यूएचओ व यूनिसेफ द्वारा टीकाकरण की आनलाइन मानीटरिंग भी की जा रही है। जनपद में अबतक एएनएम आशा के जरिये नियमित टीकाकरण किया जा रहा था, लेकिन अब से सीएचओ की भी टीकाकरण में सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने बताया कि बच्चों को पांच साल के अंदर खसरा व रूबेला बीमारी से बचाव हेतु दो टीके लगाये टीकों का लिया जाना आवश्यक है, तभी इस बीमारी का नाश किया जा सकेगा।
डब्ल्यूएचओ एसएमओ डॉ. वी पी सिंह ने कहा कि गर्भवस्था से लेकर पांच वर्ष तक टीकाकरण किया जाता है। तीन माह की गर्भवती को टीडी का पहला टीका व एक माह के तुरंत बाद टीडी का दूसरा टीका लगाया जाता है। फिर बच्चे के जन्म के तुरंत बाद या 24 घंटे के अंदर बीसीजी ओपीवी हेपेटाइटिस टीका दिए जाते हैं और यदि किसी कारणवश टीका नहीं लग पाता है तो ओपीवी की पहली खुराक एक माह तक दी जा सकती हैं | बीसीजी का टीका एक साल के अंदर लगवा सकते हैं | ओपीवी पेंटा रोटावायरस पीसीवी, आईपीवी, डेढ़ माह, ढ़ाई माह, साढ़े तीन माह में लगते हैं। एमआर व विटामिन ए की खुराक जन्म के नौ माह पर दी जाती है।
गंजडुण्डवारा सीएचओ कुसुमा गुप्ता का कहना है कि कार्यशाला में जानलेवा बीमारियों से बचाव व टीके लगाने के समय के बारे में जानकारी मिली। वह सुनिश्चित करेंगी कि उनके क्षेत्र में कोई भी गर्भवती और बच्चा टीका से न छूटे|
कार्यक्रम के दौरान चिकित्साअधीक्षक डॉ. एएन चौहान, महामारी रोग विषज्ञ डॉ. सुनन्दा, डब्ल्यू एच ओ मंडल स्तर डॉ विकास गुप्ता, यूपीटीएसयू ब्रजेश चौहान, यूनिसेफ डीएमसी राजीव चौहान, यूएनडीपी कोल्ड चेन मैनेजर हसरत अली, चाई संस्था जिला समन्वयक विजय कुमार गर्ग व ब्लॉक सीएचओ मौजूद रहे।
इनसेट
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अवध किशोर ने कहा कि सीएचओ को निर्देश दिए कि वह जिले को खसरा, रूबेला बीमारी के नाश व अन्य बीमारियों से भी बच्चों को बचाव हेतु अपने क्षेत्र में नियमित टीकाकरण को अधिक सुदृढ़ करें|