पोषण अभियान में लाखों के बजट को ठिकाने लगा दिया डीपीओ ने
पोषण पखवाड़े के बजट को फर्जी बिल वाउचर से चट किया गया
एटा। भारत सरकार के निर्देशन में
राज्य पोषण मिशन के अंतर्गत चल रहे पोषण अभियान के अच्छे खासे बजट को फोटोग्राफिक दिखावा कर खूब उड़ाया जा रहा है। बजट किस तरह खाया जाए यह स्क्रिप्ट डीपीओ एटा खुद बना कर परी परियोजनाओं को मौखिक तौर पर भेजते हैं। बताया गया है बीते मार्च माह में भारत सरकार के अर्ध शासकीय पत्र संख्या PA/60/2023-issnp दिनांक 13-3-2023 एवं राज्य पोषण मिशन लखनऊ के पत्र संख्या1584 के द्वारा बीस मार्च से तीन अप्रैल तक पोषण पखवाडा विकास खंड एवं परियोजनाओं पर आयोजित किए जाने थे जिसमे गोष्ठी हेतु तीन लाख रुपए की धनराशि एटा के वाल विकास को दी गई थी जिसमे स्वास्थ विभाग,पंचायत विभाग,ग्राम विकास,युवा कल्याण,शिक्षा विभाग,आजीविका मिशन,सिंचाई विभाग,आयुष विभाग,अल्पसंख्यक विभाग एवं आपूर्ति विभाग के ब्लाक स्तरीय कर्मियों एवं अधिकारियों को पोषण अभियान के पखवाड़े हेतु अभिमुखीकरण करना था। परंतु महज स्वास्थ विभाग बाल विकास के फील्ड कर्मियों को बुला कर पोषण पखवाड़ा निपटा दिया बताते प्रतिभाग करने वाले कर्मियों को चाय तक के लिए नही पूंछा गया। एक रजिस्टर पर दस्तखत करा कर बजट की धनराशि चट कर ली गई। विभागीय कर्मियों एवं सम्मिलित आंगनबाड़ी ने बताया हैं प्रायः रजिस्टर पर दस्तखत करा कर ऐसे अभियान निपटा दिए जाते हैं। बताया जाता यह बजट नोडल विभाग बाल विकास होने के कारण इस धनराशि उपयोग की जिम्मेदारी बाल विकास की थी परंतु परियोजनाओं से फर्जी बिल वाउचर लेकर इतनी बड़ी रकम का समायोजन किया गया है। पोषण अभियान में वित्तीय अनियमितताओं के अन्य कई मामले अब प्रकाश में आने लगे जिसमे बड़ा खेल किया गया है।
इस विभाग में बड़े राष्ट्रीय अभियानों के लिए छोटे बड़े बजट आवंटित होते रहते हैं जिन्हे खानापूर्ति एवं फोटोग्राफिक उपलब्धियां दर्शा कर हजम कर लिया जाता है। चतुर चालाक डीपीओ ऐसे मामलों में मौखिक निर्देश पोषण अभियान से जुड़े चमचे टाइप के कोर्डिनेट्र्स से कराते हैं।
अचरज की बात तो यह पोषण अभियान सीधे मुख्य मंत्री जी की देखरेख का शीर्ष अभियान हैं।परंतु डीपीओ इन सबसे बेफिक्र पर्दे के पीछे रह कर घोटाले कर रहे हैं। जानकार मानते हैं शासन के इतने अहम कार्यक्रमों में धाधलियां बिना किसी बड़ी कृपा के नही हो सकती अब बड़ा सवाल यही आखिर डीपीओ की अनियमित करस्तानियों के पीछे किस ओहदेदार का हाथ है ?
