अपराधउत्तर प्रदेशएटा

अफसर की मेहरबानी से बाल विकास बना खुल्लम खुल्ला बसूलो का अड्डा..!

अफसर की मेहरबानी से बाल विकास बना खुल्लम खुल्ला बसूलो का अड्डा..!

जैथरा परियोजना पर आधार सत्यापन/ फीडिंग के नाम पर कोर्डिनेटर बसूल रहा है एक से दो हजार तक वीडियो वायरल*

बसुली का वीडियो बना पहले भी हुई थी ऑडियो वायरल डीपीओ ने मामले की फाइल दबाई

एटा। जिले के बाल विकास में कहने को तो पत्येक ब्लाक में विभागीय कामकाज में सहयोग के लिए कोर्डिनेटर आउट सोर्सिंग एजेंसीज के जरिए बैठाए गए है पर व्यवहार में ये विभागीय अफसरों के वसूली अधिकारी बन गए हैं बेखौफ इतने कि सरे आम वसूली की धनराशि मांगते है उस पर तुर्रा यह दिया जाता है कि यदि मांगी गई रकम नही दी तो सर यानी डीपीओ साहब से कार्यवाही करा देंगे। मीडिया को मिले वीडियो और फोटो क्लिप में जो व्यक्ति प्रद्त्शित हो रहा है वह कोई ओर नही जैथरा परियोजना में तैनात ब्लाक कोर्डिनेटर शिवम कुमार है जो डीपीओ का खासम खास बताया जाता है । आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के आधार सत्यापन एवं आधार डाटा फीडिंग पर इन दिनों जिले भर में जोर दिया जा रहा जिस काम को निःशुल्क इन कोर्डिनेटर को करना पर इन्होंने इस काम की एवज में मोटो रकम अघोषित जीआईएस के रूप में तय कर रखी हैं। वीडियो में दिखाए गए सौ सौ के नोट किसी महिला महिला वर्कर से पकड़ के बिना किसी झिझक के अपनी शर्ट की अगली जेब में रखता है। इत्मीनान बेखौफ अंदाज में यह कोर्डिनेटर सर के कहने पर यह सब कर रहा है बताता है। स्मरण रहे यह सर कोई और नहीं इस विभाग के डीपीओ है जो इस परियोजना पर सीडीपीओ के रूप में पदस्थ हैं।
यहां यह खुल्लम खुल्ला वसूली का मामला पहला नही पहले भी यह कोर्डिनेटर चर्चा में रहा था तब उच्चाधिकारियों के संज्ञान मामला आया तो यहां से हटाने की फाइल बनी पर वह फिर दबा दी गई। इस परियोजना की अनेक आंगनबाड़ियां यहां चल रही अदने से संविदा कर्मी के भ्रष्ट कारनामों से परेशान हैं।
बताते हैं अफसरों की मेहरबानी से आउट सोर्सिंग के यह ठेका कर्मी अफसर बन कर काम कर रहे है और विभागीय अफसर इनके कारनामों को जानबूझ कर पर्दा डाल देते हैं। जिलाधिकारी प्रेम रंजन सिंह को ऐसे मामलों पर त्वरित एक्शन की कार्यवाही कर अपनी सक्रियता जनहित में दिखानी चाहिए।

Back to top button