म्यांमार में 7.7 की तीव्रता वाले भूकंप से भारी तबाही मची है. एक्सपर्ट्स ने अब कहा है कि भूकंप से जो ऊर्जा निकली वह 300 से ज्यादा परमाणु बमों के विस्फोट के बराबर थी।
CNN की रिपोर्ट के मुताबिक भूविज्ञानी जेस फीनिक्स ने कहा कि इस तरह के भूकंप से निकलने वाली ताकत लगभग 334 परमाणु बमों के बराबर होती है. इसके अलावा उन्होंने चेतावनी दी है कि भूकंप के बाद आने वाले झटके इस क्षेत्र को हिलाकर रख देंगे. उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि भूकंप के बाद आने वाले झटके कुछ महीनों तक रह सकते हैं, क्योंकि भारतीय टेक्टोनिक प्लेट म्यांमार के नीचे यूरेशियन प्लेट से टकराती रहती है. फीनिक्स ने कहा कि म्यांमार में तबाही देश के गृहयुद्ध से और भी बदतर हो जाएगी.
म्यांमार में आए इस भूकंप में कम से कम 1,002 लोग मारे गए, 2,376 लोग घायल हुए और 30 लोग अब भी लापता हैं. यह जानकारी म्यांमार के राज्य प्रशासन परिषद की सूचना टीम ने दी है. म्यांमार में शुक्रवार दोपहर को 7.7 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया, जिसके बाद परिवहन और संचार नेटवर्क में भारी दिक्कतें आईं, फिर भी बचाव कार्य तेजी से चल रहे हैं. सागाइंग के पास आए इस भूकंप के बाद 2.8 से 7.5 तीव्रता के 12 झटके महसूस किए गए, जिससे प्रभावित इलाकों में हालात और खराब हो गए.
म्यांमार में इमरजेंसी
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, तबाही बहुत बड़ी है और मांडले, बागो, मैगवे, उत्तर-पूर्वी शान राज्य, सागाइंग और ने-पी-ताव सबसे ज्यादा प्रभावित इलाके हैं. म्यांमार सरकार ने राष्ट्रीय आपातकाल घोषित कर दिया है, क्योंकि आपातकालीन प्रतिक्रिया दल जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए निरंतर काम कर रहे हैं. यांगून-मांडले राजमार्ग, जो नेपीता और मांडले के पास स्थित है, गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गया है, जिससे राहत कार्य में मुश्किलें आ रही हैं.
भूकंप से प्रभावित इलाकों में पहुंचने और बचाव कार्य में मदद के लिए लोगों ने पुराने यांगून-मांडले मार्ग का इस्तेमाल किया है. इसके अलावा, मांडले एयरपोर्ट और राजमार्ग के कुछ हिस्सों में इमारतें गिर जाने के कारण यांगून और मांडले के बीच यात्रा और भी मुश्किल हो गई है. निचले म्यांमार से अग्निशमन सेवा कर्मियों समेत बचाव दल पी ताव और मांडले जैसे गंभीर रूप से प्रभावित क्षेत्रों में पहुंच गए हैं. हालांकि, क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे, बिजली की कटौती और फोन-इंटरनेट सेवाओं में परेशानी के कारण राहत कार्यों में दिक्कतें आ रही हैं.
म्यांमार की दुनिया कर रहा मदद
अंतर्राष्ट्रीय सहायता आनी शुरू हो गई है. म्यांमार की आपातकालीन प्रतिक्रिया में मदद करने और प्रभावित लोगों को सहायता देने के लिए शनिवार सुबह एक चीनी बचाव दल यांगून पहुंचा. भारत ने भी 15 टन राहत सामग्री भेजी है. अधिकारी और बचाव दल दिन-रात प्रभावित लोगों की मदद में जुटे हुए हैं. लेकिन, म्यांमार को हाल के समय में आए सबसे शक्तिशाली भूकंपों में से एक से उबरने में बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के खराब होने और जरूरी सेवाओं के बंद होने के कारण, बचे हुए लोगों को अपनी जिंदगी फिर से शुरू करने में मदद देने के लिए जल्दी राहत प्रयासों की जरूरत है. म्यांमार के नेता वरिष्ठ जनरल मिन आंग ह्लाइंग ने स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय समुदायों से मानवीय सहायता की अपील की है. शनिवार सुबह मिन आंग ह्लाइंग मांडले में बचाव कार्य में मदद करने के लिए पहुंचे।