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Etah News : 30 साल फर्जी नौकरी, 20 कर्मचारियों को अब वापिस करनी होगी तनख्वाह

उत्तर प्रदेश के एटा कलेक्ट्रेट में फर्जी आदेश से नौकरी पाने वाले कर्मचारियों पर बड़ी कार्रवाई की गई है। सेवा में चल रहे चार कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया है, जबकि सेवानिवृत्त हो चुके और मृतक 20 कर्मचारियों की पेंशन रोकने के साथ ही वसूली का आदेश दिया गया है।

इनमें पांच कर्मचारी ऐसे भी हैं, जिन्होंने जांच के दौरान पत्रावलियां गायब कर दी थीं।

कलेक्ट्रेट में 1993 और 1995 में 30 सीजनल सहायक वासिक बाकी नवीसों को विनियमित कर लिपिक बनाया गया था। शिकायत होने पर इनकी जांच शुरू कराई गई। मामला ऊपर तक पहुंचा और शासन स्तर से एसआईटी (विशेष जांच दल) गठित कर दिया गया। इनकी जांच में तमाम संदिग्ध चीजें सामने आने लगीं। जब कर्मचारियों ने खुद को फंसता हुआ देखा तो कलेक्ट्रेट के अन्य कर्मचारियों से सांठगांठ की। इनके साथ मिलकर 5 कर्मचारियों ने इनकी पत्रावलियों को ही गायब कर दिया। हालांकि, जांच के दौरान पाया गया कि उत्तर प्रदेश राजस्व परिषद के जिस आदेश के आधार पर इन सभी को विनियमित किया गया था, वो आदेश ही फर्जी था।

एसआईटी की जांच रिपोर्ट पर प्रदेश शासन के प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति की बैठक में 2023 में कार्यवृत्त उपलब्ध कराया गया। इसमें विनियमितीकरण को नियम विरुद्ध माना गया। एटा के ऐसे 19 और पत्रावलियां गायब करने वाले 5 कर्मचारियों पर कार्रवाई का प्रस्ताव पारित किया गया। इस आधार पर 4 कर्मचारियों को सेवा से पदच्युत कर सेवाकाल में लिए गए सभी प्रकार के भुगतानों की रिकवरी की जाएगी। जबकि 15 सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन रोकते हुए।
सेवाकाल व इसके बाद लिए गए सभी भुगतानों की रिकवरी कराई जाएगी। वहीं, अभिलेख गायब करने में संदिग्ध 5 कर्मचारियों के विरुद्ध पेंशन रोकने की कार्रवाई की गई है।

डीएम प्रेम रंजन सिंह ने बताया कि कर्मचारियों को नोटिस जारी कर सुनवाई का पूरा समय दिया गया। इसके बाद यह कार्रवाई की गई है। 11 कर्मचारी जनपद कासगंज के हैं। इनके संबंध में कार्रवाई के लिए वहां की डीएम को पत्र भेजा गया है।

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