कुकुरमुत्तों की तरह उपजे किसान संगठन, माफियाओं का कर रहे गठन
कुकुरमुत्तों की तरह उपजे किसान संगठन, माफियाओं का कर रहे गठन
● रवीश कुमार गोला
एटा। देश में एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) को लेकर बने तीन काले कानून पर शुरू हुए किसान आंदोलन के बाद से ही कई गुंडे-बदमाश और माफिया तत्व इन संगठनों की आड़ में अपनी अवैध गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे हैं। किसान संगठनों का दुरुपयोग कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा भी किया जा रहा है। इन संगठनों का विस्तार अब गांवों और कस्बों तक अपनी जड़ें जमा चुका है जहां अपराधी तत्व इन संगठनों का उपयोग अधिकारियों पर दबाव बनाने, दलाली करने और अवैध गतिविधियों जैसे अवैध खनन, भू-माफियागिरी, और अवैध व्यापार धंधे को अंजाम देने में कर रहे हैं। इससे समाज और प्रशासन के बीच एक असंतुलन उत्पन्न हो रहा है, जहां आम आदमी और प्रशासनिक अधिकारी इस तरह के तत्वों के निशाने पर हैं। इन गतिविधियों से न केवल कानून व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है, बल्कि असली किसानों और उनके संगठनों की छवि भी धूमिल हो रही है।
अक्सर देखा गया है कि फर्जी किसान संगठनों के पद रुपी गुंडे-बदमाश जिले के उच्चाधिकारियों से लेकर तमाम विभागीय अधिकारियों के खिलाफ धरना देने और उनकी शिकायत करने की धमकी देकर दलाली को अंजाम दे रहे हैं। जबकि बड़ी संख्या में स्वयं अवैध खनन, भू-माफिया, अवैध अस्पताल से लेकर अल्ट्रासाउंड-सेंटर और भी तमाम आपराधिक गतिविधियों में ऐसे फर्जी किसान संलिप्त हैं। यह एक ट्रेंड सा चल पड़ा है कि जनपद में अगर अधिकारियों पर दबाव बनाकर रखना है और अवैध खनन, भू-माफिया से लेकर अवैध अस्पताल, मिलावटी घी-दूध का व्यापार करना और चार पहिया वाहनों एवं गाड़ियों पर हूटर लगाकर रिस्तेदारी एवं अपने आसपास के क्षेत्र में रौब जमाना है और खुलेआम गुंडई करनी है तो किसी किसान संगठन से जुड़ जाओ और जमकर कानून की धज्जियां उड़ाओ। आजकल तो इन माफियाओं द्वारा टोल प्लाजा पर अपनी चार पहिया गाड़ियों का टोल बचाने के लिए गाड़ियों पर किसान संगठनों की झंडी और स्टीकर, बैनर लगाकर खुलेआम सरकारी तंत्र की खुलेआम धज्जियां उड़ाए जा रहे हैं। अगर आपको लगता है कि कोई अधिकारी इन अवैध कार्यों पर शिकंजा कसने की कोशिश कर रहा है तो गांव-कस्बों से भोले-भाले लोगों को बुलाकर अधिकारियों के विरुद्ध हाय-हाय चिल्लाने एवं स्वयं अपने आपके जिंदाबाद के नारे लगवाने की जहरीली प्रक्रिया शुरू कर दो। और इन गुंडे माफियाओं के अवैध कार्यों के खिलाफ कोई शिकायत करे या बोले तो उसकी गर्दन दबाने एवं फर्जी मुकद्दमे में फसाने के लिए तैयार रहो। किसानों के भेष में कुछ अराजक तत्व एवं गुंडों की लगातार संख्या बढ़ती जा रही है। जोकि अवैध कारोबार को बढ़ावा दे रहे हैं। प्रशासन को ऐसे संगठनों की जांच कराते हुए चिह्नित करके ऐसे संगठनों और उनमें संरक्षण पा रहे माफियाओं पर भी बड़ी कार्यवाही करनी चाहिए।