एटा में मन्त्रियों की बार-बार आमद: सरकार का काम या पर्यटन यात्रा?
कलप्रिट तहलका (ब्यूरो)
एटा।
जनपद एटा में हाल के दिनों में प्रदेश सरकार के विभिन्न मंत्रियों की लगातार आमद चर्चा का विषय बनी हुई है। आये दिन कोई न कोई मंत्री जिले का “दौरा” करता नजर आता है, लेकिन इन दौरों का असली उद्देश्य अब जनता और मीडिया दोनों के बीच सवालों के घेरे में है।
स्थानीय लोगों और राजनीतिक जानकारों का कहना है कि मंत्रीगण अपने “आधिकारिक दौरे” के नाम पर जिले में आते हैं, लेकिन न तो किसी ठोस विकास योजना की घोषणा होती है, और न ही ज़मीनी स्तर पर कोई बड़ी पहल दिखती है। कई बार तो मंत्री प्रेस से भी दूरी बनाए रखते हैं, जिससे उनके दौरे की पारदर्शिता पर भी सवाल उठते हैं।
एक स्थानीय पत्रकार का कहना है, “मंत्री आते हैं, वीआईपी स्वागत होता है, कुछ लोगों से मुलाकात होती है, और फिर बिना किसी ठोस संवाद या प्रेस कांफ्रेंस के लौट जाते हैं। इससे यही लगता है कि सरकार के कार्यों की समीक्षा से ज्यादा ये दौरे निजी प्रवास या पर्यटन जैसे लगते हैं।”
जनता में भी इन दौरों को लेकर नाराजगी देखी जा रही है। ग्रामीण क्षेत्र के एक किसान ने कहा, “हम तो उम्मीद करते हैं कि मंत्री आएंगे तो सड़क, बिजली, पानी जैसे मुद्दों पर कुछ करेंगे, लेकिन सिर्फ हेलिकॉप्टर की गूंज सुनाई देती है, काम कोई नहीं दिखता।”
अब देखना यह है कि सरकार इन दौरों को कितना गंभीरता से लेती है और क्या वाकई इनमें से कोई दौरा जनहित में ठोस परिणाम लेकर आता है या फिर ये महज ‘शो-पीस विज़िट’ बनकर रह जाते हैं।
