नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के नए अध्यक्ष को लेकर चर्चाएं जारी हैं। इस बीच, सरकार राज्यपालों में भी बदलाव कर रही है और राज्यसभा के लिए नेताओं का चुनाव किया जा रहा है। कहा जा रहा है कि यह सब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में संभावित फेरबदल का संकेत हो सकता है।
हालांकि, भाजपा या एनडीए सरकार की किसी भी पार्टी की ओर से इस बारे में आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इन बदलावों के जरिए कैबिनेट फेरबदल की जमीन तैयार की जा रही है। हाल ही में गोवा और हरियाणा के लिए राज्यपाल और लद्दाख के लिए उपराज्यपाल नियुक्त किए गए हैं। इससे एक दिन पहले ही एडवोकेट उज्ज्वल निकम, मीनाक्षी जैन, हर्षवर्धन श्रृंगला और सी सदानंद मास्टर को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया है।
बड़े मंत्रालयों में दोहराए गए पिछली सरकार के मंत्री
एक अखबार से बात करते हुए एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि बड़े मंत्रालयों वाले ज़्यादातर मंत्री पिछली मोदी सरकार के ही दोहराए गए हैं। अब तक निरंतरता पर ज़ोर दिया जाता था, लेकिन अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नए टैरिफ़ के चलते विदेश मामलों के साथ-साथ वाणिज्य मंत्रालय जैसी नई प्राथमिकताओं के साथ कैबिनेट को फिर से संतुलित किया जा सकता है।
रिपोर्ट में भाजपा सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि जिन राज्यसभा सांसदों का कार्यकाल अंतिम चरण में है, उन्हें मंत्रिमंडल में बदला जा सकता है और उन्हें संगठन में जगह दी जा सकती है। वहीं, कुछ लोगों का कहना है कि बीजेपी जनता दल यूनाइटेड, चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी और तेलुगु देशम पार्टी के नेताओं पर विचार कर सकती है। खास बात यह है कि बिहार में विधानसभा चुनाव हैं और एलजेपी व जेडीयू बिहार की पार्टियां हैं।
एक भाजपा नेता ने अखबार को बताया, ‘चीजें चल रही हैं और सवाल यह है कि आगे क्या होगा, राज्यपाल में बदलाव, पार्टी संगठन में अगले राष्ट्रीय अध्यक्ष और अन्य नेताओं की नियुक्ति की घोषणा या फिर मंत्रिमंडल में फेरबदल।’
कहा जा रहा है कि भाजपा ने 37 में से आधे से ज़्यादा इकाइयों में अध्यक्ष चुन लिए हैं। साथ ही, जल्द ही राष्ट्रीय अध्यक्ष की घोषणा भी हो सकती है। फ़िलहाल, भाजपा के राष्ट्रीय अक्ष्यक्ष केंद्रीय मंत्री जगत नरायन नडडा है।
