ग्रेटर बांग्लादेश भारत के खिलाफ बड़ी साजिश है
राजेश कुमार पासी
जब से बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार का तख्ता पलट करके मोहम्मद यूनुस बांग्लादेश के सर्वेसर्वा बने हैं, तब से बांग्लादेश भारत के साथ शत्रुतापूर्ण व्यवहार कर रहा है। शेख हसीना की सरकार को हटाने का श्रेय छात्रों को दिया जा रहा था लेकिन बांग्लादेश जिस तरफ जा रहा है, उससे लगता है कि तख्ता पलट छात्रों की आड़ में कट्टरवादी तत्वों द्वारा किया गया है। मोहम्मद यूनुस एक नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री हैं लेकिन उनकी हरकतें बता रही हैं कि उनके मासूम चेहरे के पीछे एक बेहद खतरनाक कट्टरपंथी छुपा हुआ है। जब से बांग्लादेश में मोहम्मद युनुस की सरकार आई है, तब से कट्टरपंथी समूहों द्वारा ग्रेटर बांग्लादेश बनाने की बात कही जा रही है और इसमें सरकार का समर्थन दिखाई दे रहा है । बांग्लादेश को एक कट्टर इस्लामिक देश सल्तनत-ए-बांग्ला बनाने की मांग की जा रही है ।
पाकिस्तान मानता है कि भारत ने उसके देश के दो टुकड़े किये हैं इसलिए वो बदले की आग में जल रहा है। अपना बदला लेने के लिए पाकिस्तान कोई भी कीमत चुकाने को तत्पर दिखाई दे रहा है। पाकिस्तान बदला लेने के चक्कर में अपने देश को ही बर्बादी की ओर ले जा रहा है । वो अच्छी से देख रहा है कि भारत से बदला लेने के चक्कर में खुद भी बर्बाद हो रहा है लेकिन वो पीछे हटने को तैयार नहीं है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायुसेना की जबरदस्त मार के बावजूद पाकिस्तान आतंकवादियों को भारत पर नए हमले के लिए तैयार कर रहा है । वो जानता है कि भारतीय सेना इस बार पहले से भी बड़ा हमला कर सकती है । भारत सरकार ने भी पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि ऑपरेशन सिंदूर जारी है. अगर भारत पर बड़ा आतंकवादी हमला होता है तो पाकिस्तान की इसकी बड़ी कीमत चुकानी होगी । पाकिस्तान इसके बावजूद दूसरे हमले की तैयारी कर रहा है । पाकिस्तान को अब भारत के खिलाफ साजिश करने के लिए बांग्लादेश का भी साथ मिल गया है । मोहम्मद यूनुस पाकिस्तान से नजदीकी संबंध बना रहा है ताकि भारत के खिलाफ वो पाकिस्तान के साथ मिलकर नए षड्यंत्र बना सके ।
इतिहास से सीख मिलती है कि देश की सुरक्षा हमेशा सर्वोपरि होनी चाहिए और हर उस खतरे पर नजर रखनी चाहिए जो हमारे लिए घातक साबित हो सकता है। बांग्लादेश बेशक एक छोटा देश हो लेकिन उसको हरकतों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता । इतिहास गवाह है कि कई बार छोटी समस्याएं भी बड़ा असर डालती हैं । बांग्लादेश भी दूसरा पाकिस्तान बनने जा रहा है जो हर कीमत पर भारत को बर्बाद करना चाहता है। जैसे पाकिस्तान भारत को बर्बाद करने के लिए कोई भी कीमत चुकाने को तैयार है, वैसा ही बांग्लादेश करने की कोशिश करता नजर आ रहा है। सोशल मीडिया में बांग्लादेश की हरकतों का मजाक बनाया जा रहा है कि वो इतना कमजोर होने के बावजूद भारत को धमकियां दे रहा है । ये विचार का विषय है कि बांग्लादेश इतनी छोटी शक्ति होते हुए भी भारत जैसे देश को धमकी देने पर उतर आया है ।
1971 के बाद से बांग्लादेश का पाकिस्तान के साथ संबंध टूटा हुआ रहा है क्योंकि बांग्लादेश पाकिस्तानी सेना के अत्याचार को भूल नहीं पाया है । जब से मोहम्मद यूनुस सत्ता में आया है, वो पाकिस्तान से संबंधों को बढ़ा रहा है । पहली बार पाकिस्तान के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी जनरल साहिर शमशाद मिर्जा बांग्लादेश की यात्रा कर रहे हैं । उनकी यात्रा के दौरान मोहम्मद यूनुस ने एक विवादित किताब ‘आर्ट ऑफ ट्रायम्फ’ भेंट की है । इस किताब के कवर पर ग्रेटर बांग्लादेश का नक्शा बनाया गया है जिसमें भारत के पूर्वोत्तर राज्यों के साथ-साथ बंगाल, उड़ीसा, बिहार और झारखंड के हिस्से भी शामिल किए गए हैं । ऐसा बांग्लादेश की सरकार ने पहली बार नहीं किया है बल्कि कई राष्ट्राध्यक्षों और महत्वपूर्ण विदेशी नेताओं को यह किताब भेंट की गई है । भारत बांग्लादेश की इस हरकत पर कई बार नराजगी दिखा चुका है लेकिन बांग्लादेश पर कोई असर नहीं हो रहा है । भारत सरकार को लगता है कि ग्रेटर बांग्लादेश के विवादास्पद मानचित्र में पूर्वोत्तर भारत को शामिल करने के पीछे कोई बड़ी साजिश हो सकती है । इस साजिश के तार पाकिस्तान, तुर्की और चीन से जुड़े हो सकते है । भारतीय खुफिया एजेंसियों के अनुसार बांग्लादेश भारत के खिलाफ साजिश में शामिल होकर पूर्वोत्तर भारत को एशिया में पड़ोसी देशों का प्रवेश द्वार बनाना चाहता है । इस मानचित्र की आड़ में बांग्लादेश भारत में अलगाववादी भावनाओं को भड़काना चाहता है ।
26/11 के मुंबई हमले के साजिशकर्ता हाफिज सईद का करीबी सहयोगी इब्तिसाम इलाही जहीर इन दिनों बांग्लादेश में बहुत सक्रिय है । वह भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों में घूम-घूम कर भड़काऊ भाषण दे रहा है । वो बांग्लादेश में मौजूद कट्टरपंथी समूहों से संपर्क स्थापित कर रहा है। यह उसकी बांग्लादेश में दूसरी यात्रा है, जिससे साबित होता है कि बांग्लादेश पाकिस्तानी आतंकवादी संगठनों से सम्पर्क कर रहा है । उसने अपने भाषण में कहा है कि इस्लाम के लिए खुद को और अपने बच्चों को कुर्बान करने के लिए तैयार रहो । पाकिस्तान से बांग्लादेश तक सभी मुसलमान सेक्युलर ताकतों के खिलाफ एकजुट हो जाएं । कश्मीर के बारे में उसने कहा है कि कश्मीरियों को उनकी आजादी से वंचित किया जा रहा है, पाकिस्तान की जिम्मेदारी है कि वो कश्मीर पर हो रहे अन्याय के खिलाफ आवाज उठाये । इससे पता चल रहा है कि बांग्लादेश में आतंकवादी संगठनों का जमावड़ा हो रहा है और वो भारत के खिलाफ साजिश कर रहे हैं । बांग्लादेश में कट्टरवादियों की ताकत बढ़ती जा रही है और यूनुस सरकार का इनको सहयोग मिल रहा है । यूनुस सरकार के सत्ता में आने के बाद से बांग्लादेश के हिंदुओं का जबरदस्त उत्पीड़न हो रहा है, उनकी धन-संपत्ति और रोजगार छीने जा रहे हैं । उनकी बहन-बेटियों पर जबरन कब्जा किया जा रहा है और यूनुस सरकार चुपचाप देख रही है ।
अब मोहम्मद यूनुस ने पाकिस्तान के साथ मिलकर बयान दिया है कि भारत में सोशल मीडिया दोनों देशों के खिलाफ नफरत फैला रहा है । उसने कहा है कि दोनों देशों को भारत की इस साजिश के खिलाफ मिलकर लड़ना होगा । उसने हिन्दुओं के उत्पीड़न को दुष्प्रचार बता दिया है । भारत ने बांग्लादेश के कहने पर ही कट्टरपंथी उपदेशक जाकिर नाइक पर प्रतिबंध लगाया था लेकिन अब बांग्लादेश ही उसका स्वागत करने को तैयार है । यूनुस सरकार ने उसे बांग्लादेश में एक महीने की यात्रा करने की मंजूरी दी है। वो अब पूरे बांग्लादेश में एक महीने तक घूम-घूम कर भड़काऊ भाषण देगा और उसका निशाना मुख्य रूप से हिन्दू और भारत ही होंगे । अपनी पाकिस्तान यात्रा के दौरान जाकिर नाइक ने पाकिस्तानी आतंकवादी संगठनों के नेताओं के साथ बातचीत की थी । उसकी यात्रा से बांग्लादेश में भारत विरोधी शक्तियों को बड़ी ताकत मिल सकती है ।
भारत की सबसे बड़ी समस्या बांग्लादेश से होने वाली घुसपैठ है जो भारत के लिए सबसे बड़ा खतरा बन सकती है । बांग्लादेश की हरकतों से लगता है कि बहुत पहले से बांग्लादेश के कट्टरपंथी संगठन भारत को बर्बाद करने के लिए अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रहे थे । भारत में लगभग पांच करोड़ बांग्लादेशी घुसपैठिए होने का अनुमान है क्योंकि यह घुसपैठ 1971 से जारी है । एक रिपोर्ट में बांग्लादेश की सरकार ने खुद माना था कि 1981 से 1991 के बीच बांग्लादेश से लगभग 80 लाख लोग गायब हो गए हैं । सिर्फ दस साल में 80 लाख लोगों के गायब होने की बात खुद बांग्लादेश की सरकार कबूल कर चुकी है तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि 54 साल में कितने बांग्लादेशी भारत आ चुके हैं । इसके अलावा उनकी आबादी में बढ़ोतरी भी हुई होगी । ये बांग्लादेशी घुसपैठिए समय आने पर ग्रेटर बांग्लादेश बनाने में बांग्लादेश की बड़ी मदद कर सकते हैं । 15 अगस्त को लाल किले से प्रधानमंत्री मोदी ने देश को अपने संबोधन में भारत की बिगड़ती डेमोग्राफी पर चिंता व्यक्त की थी और कहा था कि इस पर नजर रखने के लिए एक एजेंसी बनाई जाएगी । इसका मतलब है कि भारत सरकार भी घुसपैठियों से होने वाले खतरे को समझ रही है ।
समस्या यह है कि भारत का विपक्ष मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति के कारण घुसपैठियों के समर्थन में खड़ा रहता है । कई राज्य सरकारें घुसपैठियों के खिलाफ कार्यवाही करने को तैयार नहीं हैं क्योंकि वो इसे मुस्लिमों के खिलाफ कार्यवाही मानती हैं । समस्या यह है कि देश का विपक्ष अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए देश पर आने वाले खतरे को शह दे रहा है । बांग्लादेश की सरकार सीमा पर तारबंदी को भी रोकने की कोशिश कर रही है. इसका मतलब यही है कि अवैध घुसपैठ बांग्लादेश की बड़ी साजिश है जिसको वो वक्त आने पर भारत को तोड़ने के लिए इस्तेमाल कर सकता है । भारत सरकार और भारतीय समाज को बांग्लादेश का मजाक बनाने की जगह उसकी साजिशों को गंभीरता से लेने की जरूरत है ।
राजेश कुमार पास
