
गुजरात में कांग्रेस (Gujarat Congress) के पास 2017 में युवाओं की ऐसी तिकड़ी थी, जिसके बल पर उसने चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को कड़ी चुनौती दी थी. वहीं इस बार गुजरात विधानसभा चुनाव (Gujarat Assembly Election 2022) के पहले ही ये हार्दिक पटेल, अल्पेश ठाकुर और जिग्नेश मेवानी की तिकड़ी बिखर गई. अब सिर्फ कांग्रेस के पास जिग्नेश मेवाणी ही बचे हैं. वहीं हार्दिक पटेल के बाद अब कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी कांग्रेस ने जिग्नेश मेवाणी (Jignesh Mevani) को सौंपी है. बता दें कि यह तीनों ही जाति आंदोलन से निकले हुए थे. इन्ही के भरोसे कांग्रेस इस बार के चुनाव में बीजेपी के 27 साल के वर्चस्व को चुनौती देने की तैयारी कर रही थी.
वडगाम से निर्दलीय विधायक हैं जिग्नेश मेवाणी
दरअसल जिग्नेश मेवाणी गुजरात के वडगाम से एक निर्दलीय विधायक हैं, अब तक वो बाहर से कांग्रेस का समर्थन करते रहे हैं. वहीं अब कांग्रेस ने उनको गुजरात के कार्यकारी अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंप दी है. पहले भी गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले उनके आधिकारिक रूप से कांग्रेस में शामिल होने की उम्मीद जताई जा रही थी. वहीं हार्दीक पटेल के बीजेपी में शामिल होने पर उन्होंने तीखी टिप्पणी की थी. मेवाणी ने कहा था कि कांग्रेस ने पटेल को पूरा समर्थन दिया था, यही कारण है कि वह गुजरात में कार्यकारी अध्यक्ष बन गए.
हार्दिक पटेल ने छोड़ी थी कांग्रेस
हालांकि जिग्नेश मेवाणी अब गुजरात कांग्रेस को कितना मजबूत कर पाते हैं, यह तो चुनाव में ही पता चलेगा. हालांकि माना जा रहा है कि हार्दिक पटेल के BJP में जाने से कांग्रेस को नुकसान होगा. लेकिन कांग्रेस के लिए अच्छी खबर यह है कि राजनीतिक विश्लेषकों ने हार्दिक पटेल से बीजेपी को कोई खास फायदा नहीं मिलने की उम्मीद जताई है. बता दें कि साल 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले हार्दिक पटेल ने कांग्रेस का दामन थामा था. कांग्रेस में आते ही उन्हें प्रदेश कांग्रेस की कमान सौंप दी गई थी. लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली.
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