बागवानी का शौक़ भला किसे नहीं होता है अक्सर लोग पौधे लगाते तो हैं लेकिन उनकी देखभाल में छोटी-छोटी गलतियों के कारण पौधे बीमार पड़ जाते हैं। यदि आप समय रहते लक्षण पहचान लें, तो पौधे को आसानी से बचाया जा सकता है। आइए जानते हैं 5 आसान तरीक़ों से कि कैसे आप पहचान सकते हैं कि आपका पौधा बीमार हो रहा
पत्तियों का रंग बदलना
पत्तियाँ पौधे का सबसे पहला और साफ संकेत होती हैं। अगर आपके पौधे की पत्तियाँ पीली, भूरे किनारे वाली या पूरी तरह मुरझाई हुई दिखने लगें तो यह बीमारी या पोषण की कमी का लक्षण हो सकता है । जैसे नाइट्रोजन की कमी से पत्तियाँ पीली होने लगती हैं, वहीं फंगल इन्फेक्शन के कारण उन पर भूरे या काले धब्बे दिख सकते हैं। अगर नई पत्तियाँ भी कमजोर या विकृत होकर आ रही हैं तो यह भी खतरे की घंटी है।
डंठल या तना सड़ना
यदि पौधे का तना या डंठल मुलायम होकर काला या गहरा भूरा दिखने लगे तो यह सड़न का संकेत है। यह आमतौर पर ज्यादा पानी देने या जल निकासी सही न होने के कारण होता है। पौधा धीरे-धीरे गिरने या ढीला होने लगता है और जड़ से लेकर ऊपर तक प्रभावित हो सकता है। समय रहते इसे पहचानकर सूखे हिस्से को काटना और मिट्टी बदलना जरूरी हो जाता है।
पौधे का विकास रुक जाना
अगर आपका पौधा लंबे समय से एक ही स्थिति में है। न नई पत्तियाँ निकल रही हैं और न ही बढ़ रहा है तो यह संकेत है कि कुछ गड़बड़ है। अक्सर यह जड़ की समस्या, पोषण की कमी या कीट संक्रमण का परिणाम होता है। कई बार मिट्टी सख्त हो जाने या जड़ों के पास जगह न होने के कारण भी पौधा विकास करना बंद कर देता है। ऐसे में रूट बॉल की जांच करें और आवश्यकता अनुसार रिपॉटिंग करें।
पत्तियों और तने पर अजीब दाग या छिद्र
अगर पत्तियों या तनों पर सफेद पाउडर जैसा पदार्थ, चिपचिपा द्रव या छोटे-छोटे छिद्र दिखने लगें तो समझ लें कि यह कीट या फंगल अटैक का मामला है। विशेषकर एप्सिड्स, मिलिबग्स और स्पाइडर माइट्स जैसे कीट पौधे को कमजोर कर देते हैं। इन्हें समय पर पहचानकर ऑर्गेनिक कीटनाशक या घरेलू उपायों से नियंत्रित करना जरूरी है।
जड़ों की हालत बिगड़ना
हालांकि जड़ों को रोज-रोज नहीं देखा जा सकता लेकिन अगर पौधा ऊपर से बीमार लग रहा है और ऊपर बताए गए उपायों से सुधार नहीं हो रहा है तो जड़ों की जांच जरूर करें। स्वस्थ जड़ें सफेद और मजबूत होती हैं। जबकि सड़ी हुई जड़ें काली या बदबूदार हो जाती हैं। इससे पौधा पोषण नहीं ले पाता और मुरझाने लगता है। समय पर खराब जड़ों को काटकर पौधे को नए गमले या ताजी मिट्टी में लगाना बेहतर होता है।
इस तरह इन पांच आसान संकेतों पर ध्यान देकर आप अपने पौधे की सेहत का ध्यान रख सकते हैं। जल्दी पहचान होने से इलाज भी आसान हो जाता है और पौधा फिर से स्वस्थ होकर हरा-भरा दिखने लगता है।
विजय गर्ग सेवानिवृत्त प्रिंसिपल मलोट पंजाब
