श्रीमद भागवत कथा में ध्रुव के चरित्र की कथा सुन भक्त हुए भाव विभोर
श्रीमद भागवत कथा के श्रवण मात्र से कष्टों से मिलती है मुक्ति। पं सुभाष चंद्र जी महाराज
कानपुर के नौबस्ता आवास विकास हंसपुरम में श्री ग्यारहमुखी हनुमान मंदिर के 12 वे वार्षिकोत्सव के मौके पर आयोजित हो रही श्री मद भागवत कथा में व्यास पीठ से आचार्य पं सुभाष चंद्र जी महाराज के श्रीमुख से भक्तों ने कथा का श्रवण किया। आज की कथा में ध्रुव का चरित्र वाहमन देव का पूजन सहित पहलाद के चरित्र की कथा का श्रवण भक्तों ने किया। आचार्य ने कथा में बताया कि ध्रुव की कथा एक प्रसिद्ध भारतीय धार्मिक कथा है जो भगवान विष्णु के प्रति उनकी अटूट भक्ति और कठोर तपस्या का वर्णन करती है। ध्रुव, राजा उत्तानपाद और रानी सुनीति के पुत्र थे। सौतेली मां सुरुचि के अपमान के बाद, ध्रुव वन में जाकर कठोर तपस्या करते हैं और अंततः भगवान विष्णु से दर्शन प्राप्त करते हैं। उन्होंने बताया कि ध्रुव की कथा एक प्रेरणादायक है जो दृढ़ संकल्प, भक्ति और भगवान के प्रति समर्पण का महत्व सिखाती है। व्यास पीठ से आचार्य पं सुभाष चंद्र जी महाराज ने पहलाद की कथा में बताया कि प्रहलाद जो असुर राजा हिरण्यकश्यप का पुत्र था, एक प्रसिद्ध भक्त था, जो भगवान विष्णु की भक्ति में दृढ़ था, भले ही उसके पिता ने उसे ऐसा करने से रोकने की पूरी कोशिश की. प्रहलाद की भक्ति और साहस की कहानी भारतीय संस्कृति में प्रसिद्ध है भक्त प्रहलाद को उनके पिता हिरण्यकश्यप ने राम नाम छुड़वाने के लिए अनेकों कष्ट दिए परंतु अपना उद्देश्य नहीं बदला। भक्त प्रहलाद दृढ़ रहा तो परमात्मा ने पल-पल क्षण-क्षण रक्षा की। कथा के दौरान भजनों पर भक्त जमकर झूमे। इस मौके पर मुख्य रूप से राजीव सक्सेना पुष्पेंद्र त्रिवेदी सुशीला त्रिवेदी कपिल सिंह श्वेता सिंह आकर्षण गुप्ता शारदा गुप्ता श्रवण तिवारी अजय अग्रवाल धर्मेंद्र सिंह बबलू तिवारी डॉ एस एन द्विवेदी विवेक मिश्रा मुक्तेश बंसल भावना अग्रवाल नवीन तिवारी केके बाजपेई संजय दिनेश मोदी केके मिश्रा पूनम श्रीवास्तव दिनेश तिवारी अमन हेमंत श्रीवास्तव यशराज सिंह मनोज यादव विकास त्रिपाठी अनुज त्रिपाठी कमल त्रिवेदी राज तिवारी सहित काफी संख्या में पदाधिकारी मौजूद रहे
