है कोई जवाब इस प्रश्न का
है कोई जवाब इस प्रश्न का
एक प्रसंग किसी ने कहा की अभी 20-25 साल के हो धर्म करने की उम्र थोड़े ही है अभी तो मौज करो यह तो बाद का काम हैं । तभीकिसी अन्य व्यक्ति ने कहा की तुम इस बात की गारंटी ले सकते हो कि यह 80-85 साल स्वस्थतता के साथ जीवन जीयेगा ही जीयेगा।प्रश्न सुन वह मौन हो गया । हमारी संस्कृति में ऐसा कुछ भी नहीं कहा गया कि आध्यात्मिक कर्म व धर्म विशेष समय पर ही किये जाए। बल्कि हमारे जीवन की हर चर्या के साथ ही धर्म का जुड़ाव होना चाहिये । धर्म करें उससे पहले हम धर्म के मर्म को सही से जानें ।आत्मवाद और कर्मवाद के रहस्य को ठीक से पहचानकर जीवन के आचरण में लायें । धर्म का रहस्य मात्र धर्म की बातें करना ही नहींहोता है । धर्म वह सत्य है जिसे जीकर आदमी अपने जीवन को संजोता है । धर्म हमारे जीवन का यथार्थ है और यथार्थ ही परमार्थ सेमिलता है । धर्म मात्र औपचारिकता ही नहीं यह जीवन जीने की अनुपम कला है । इस कला का विस्मरण कर हम जीवन की हर क्रियाको धर्ममय करते जाये । तभी तो कहा है कि जीवन के अंक गणित का कोई कितना ही सूक्ष्म विश्लेषण कर ले इस प्रश्न का कोई जवाबनहीं होगा की धर्म करने का समय कौनसा हैं ।
प्रदीप छाजेड़
( बोरावड़ )