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| Jitan Ram Manjhi |
पटना। ब्राह्मणों के खिलाफ विवादास्पद बयानबाजी से पिछले कई दिनों से चर्चा में आए बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हम पार्टी के नेता जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने अब पंडित भोज का एलान किया है। जीतन राम मांझी ने अपने घर पर आयोजित पंडित भोज में ब्राह्मणों और पंडितों को बुलाया है, लेकिन अजीब शर्तें भी रख दी है।
उन्होंने कहा है कि उनके घर सिर्फ वैसे ब्राह्मण-पंडित आएं, जिन्होंने कभी मांस-मदिरा का सेवन नहीं किया हो और चोरी-डकैती नहीं की हो। अपने ट्विट में जीतन राम मांझी ने कहा कि ब्राह्मण-पंडित 27 दिसंबर 2021 को पटना स्थित मेरे सरकारी आवास पर दोपहर 12.30 बजे आएं और दलित-आदिवासी परिवारों के साथ ब्राह्मण-पंडित भोज में शामिल होकर समाजिक एकता का परिचय दें। इस संबंध में हम पार्टी के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा है कि मांझी खुद अपने हाथों से ब्राह्मणों को भोजन परोसेंगे। आप आएं और दलित व आदिवासी परिवारों के साथ भोजन करें। केवल राजनीतिक पाखंड नहीं करें।
मांझी ने ब्राह्मणों के खिलाफ दिया था विवादास्पद बयान
बता दें कि जीतन राम मांझी ने पिछले कुछ दिनों में ब्राह्मणों के खिलाफ कई बार बयानबाजी की है। उन्होंने कहा था कि दलित समाज में आजकल सत्य नारायण भगवान की पूजा का प्रचलन काफी तेज हो गया है। जगह-जगह ब्राह्मण जाकर सत्य नारायण भगवान की पूजा कराते हैं। हमारे समाज में ब्राह्मण @#$%… (गाली देकर) जाते हैं। पूजा करवाते हैं, लेकिन खाना नहीं खाते हैं। कहते हैं कि बाबू, सिर्फ पैसा दे दीजिए। मांझी ने कहा था कि ये ऐसे लोग होते हैं, जो मांस खाते हैं, मदिरा पीते हैं और पूजा भी कराने आते हैं। ये अनुसूचित और दलित टोले में जाकर पूजा के नाम पर पैसे लेते हैं। लेकिन, उस घर का खाना तक नहीं खाते हैं और ना ही पानी पीते हैं।
मांझी के बयान के बाद से बिहार की राजनीति में खलबली मची है। ब्राह्मण समाज के जुड़े संगठन और नेताओं ने उनपर तीखा हमला बोला है। बिहार के कई थानों में मांझी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई है। भाजपा नेता गजेंद्र झा ने मांझी की जीभ काटने वाले को 11 लाख रुपए का इनाम देने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि मैं घोषणा करना चाहता हूं कि अगर कोई ब्राह्मण जीतन राम मांझी की जीभ काटकर मेरे सामने लाता है तो मैं उसे 11 लाख रुपये का इनाम दूंगा। हालांकि वो 11 पैसे के भी लायक नहीं हैं। इस बयान के बाद भाजपा ने उन्हें तुरंत पार्टी से निष्कासित कर दिया था।
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