सीख
एक सुखे वृक्ष की पीड़ा
एक सुखे वृक्ष की सुनकर पीड़ा को
मैं भूल गया वृद्धापन की पीड़ा को
जब हरा भरा वोवृक्ष खड़ा हुआ था
फल फूलोंसे जब वह लदा हुआ था
अनगिनतींपछी विश्राम लेनेआते थे
सब मिलजुल कर फल फूल खाते थे
जब वही हरा भरा वृक्ष सूख गयाथा
पक्षियों का झुंड वृक्ष सेरूठ गया था
सूखा वृक्ष दे गया है सीख मानव को
धन दौलत जोड़े रखता है संबंधों को
धनदौलत जाते ही संबंध टूट जाते हैं
सच है फिर कोई काम नहीं आते हैं
जब आएगा बुढ़ापा अंतिम समय में
कोई पास ना आएगा इस वृद्धापन मे
किशोर इटावी कचहरी रोड मैनपुरी