महाराष्ट्रराज्य

Maharashtra: ‘जब तक सुप्रीम कोर्ट का फैसला ना आए, महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाएं’, संजय राउत ने की राज्यपाल से मांग

Sanjay Raut

शिवसेना सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) ने एक ट्वीट कर महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Maharashtra Governor Bhagat Singh Koshyari) से राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है. संजय राउत ने कहा कि बारबाडोस जैसे देश में जहां आबादी सिर्फ 2.5 लाख है, 27 मंत्री हैं. लेकिन महाराष्ट्र की आबादी 12 करोड़ होते हुए भी यहां मंत्रिमंडल में सिर्फ 2 लोग हैं. ये दो मंत्री ही राज्य से जुड़े सभी फैसले ले रहे हैं. इसलिए सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) की खंडपीठ का फैसला जब तक नहीं आ जाता, तब तक महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन (President Rule) लागू किया जाए. संजय राउत ने यह मांग एक ट्वीट कर की है. उन्होंने अपने ट्वीट में सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस के शपथ ग्रहण का फोटो भी शेयर किया है. संजय राउत ने महाराष्ट्र के राज्यपाल से यह सवाल भी किया है कि राज्य क्या संविधान के मुताबिक चल रहा है?

अंग्रेजी में किए गए इस ट्वीट से पहले संजय राउत ने मराठी में एक और ट्वीट किया है. इस ट्वीट में उन्होंने संविधान की धारा 164-1A का हवाला देते हुए कहा है कि राज्य के मंत्रिमंडल में 12 मंत्रियों का होना जरूरी है. इससे कम संख्या होने पर संविधान उस मंत्रिमंडल को मान्यता नहीं देता. संजय राउत का कहना है कि पिछले 2 हफ्ते से महाराष्ट्र के 2 मंत्रियों (शिंदे-फडणवीस) के अब तक लिए गए फैसलों की कोई संवैधानिक वैधता नहीं है. राज्यपाल ये सब क्या शुरू है?

‘वहां 2.5 लाख आबादी में 27 मंत्री- यहां 12 करोड़ आबादी में 2 मंत्री?’

Barbados has a population of 2.5Lacs & yet has a Cabinet of 27.
Maharashtra’s 12Cr population has cabinet of 2 members that is taking arbitrary decisions

Where is the regard for Constitution?

Till the Constitut’l Bench of SC gives its verdict,impose President’s rule in Mah’stra pic.twitter.com/9FfGYa1tFA

— Sanjay Raut (@rautsanjay61) July 16, 2022

राउत को संविधान समझ आता है क्या? जाकर गजनी पिक्चर देखें- आशिष शेलार

संजय राउत के इस सवाल पर बीजेपी विधायक आशिष शेलार ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि, ‘संजय राउत को संविधान समझ आता है क्या? वो तो फिल्म निर्माता हैं. जाकर गजनी पिक्चर देखें. क्योंकि उन्हें भूलने की बीमारी है. महा विकास आघाड़ी सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार 32 दिनों तक नहीं हुआ था. तब तक सिर्फ 7 मंत्रियों ने जो फैसले किए थे, फिर तो वे भी रद्द हो जाने चाहिए थे. क्योंकि 12 मंत्री तो उस वक्त भी मंत्रिमंडल में नहीं थे.’ आशिष शेलार ने संजय राउत को याद दिलाया कि सिर्फ 16 दिन गुजरने पर ही शिंदे-फडणवीस सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार ना होने पर वे सवाल उठा रहे हैं. उन्होंने यह सवाल तब क्यों नहीं उठाया गया जब महा विकास आघाड़ी सरकार बनी थी और बत्तीस दिनों तक मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हुआ था?

सुप्रीम कोर्ट खंडपीठ का गठन कर 16 विधायकों की नोटिस पर फैसला सुनाएगा

बता दें कि शिंदे गुट में शामिल हुए शिवसेना के 16 विधायकों को विधानसभा उपाध्यक्ष नरहरि जिरवल ने अयोग्य ठहराने के लिए नोटिस भेजा था और उनसे जवाब मांगा था. शिंदे गुट सुप्रीम कोर्ट चला गया था. सुप्रीम कोर्ट ने 11 जुलाई को सुनवाई करने की बात कही थी. तब तक इन विधायकों पर कोई कार्रवाई ना करने का निर्देश दिया था. ग्यारह जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने इसे संविधान की व्याख्या से जुड़ा मामला मानते हुए खंडपीठ के गठन की जरूरत बताई और कहा कि ऐसे फैसले में वक्त लगता है.

अब जो खंडपीठ तैयार होगी वो ना सिर्फ दल बदल विधेयक कानून की नए सिरे से व्याख्या करेगी और इससे जुड़े कन्फ्यूजन को दूर करने की कोशिश करेगी बल्कि राज्यपाल के अधिकार और दायित्व के निर्धारण से जुड़े मामले में भी जो भ्रम की स्थिति बनी हुई है, उसे दूर करने की कोशिश करेगी. इस पूरे मुद्दे पर शिवसेना संजय राउत ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मांग की है कि जब तक सुप्रीम कोर्ट का फैसला नहीं आ जाता, तब तक महाराष्ट्र में वे राष्ट्रपति शासन लगाएं. क्योंकि शिंदे-फडणवीस सरकार एक असंवैधानिक सरकार है. इस सरकार ने पाकिटमारी कर बहुमत हासिल किया है.

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