दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने मोबाइल स्पाइवेयर मामले में दाखिल की गई एक याचिका पर केंद्र (Central Government) से जवाब मांगा है. जानकारी के मुताबिक दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को सूचना की निगरानी और रिकॉर्ड करने वाले स्पाइवेयर उपकरणों द्वारा मोबाइल फोन यूजर्स की गोपनीयता के हनन को उजागर करने वाली एक याचिका पर केंद्र से जवाब मांग. मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस वी कामेश्वर राव ने उस याचिका पर गूगल और कुछ स्पाइवेयर विक्रेताओं से भी जवाब मांगा है, जिसमें केंद्र को ऐसे स्पाइवेयर की बिक्री, संचालन और विज्ञापन को रोकने का निर्देश देने की मांग की गई है. याचिकाकर्ता ने इस तरह के स्पाइवेयर को नियंत्रित करने के लिए भी केंद्र को निर्देश देने की मांग की है.
याचिका में कहा गया है कि महिलाएं इस अवैध स्पाइवेयर की प्राथमिक शिकार हैं जो अत्याधिक व्यक्तिगत जानकारी को महत्वपूर्ण मात्रा में कैप्चर कर सकता है. इसमें आगे दावा किया गया है कि कुछ स्पाइवेयर, जो स्टील्थ मोड पर चलते हैं और जिनका पता लगाना या हटाना मुश्किल है, बिना किसी प्रतिबंध या नियंत्रण के बड़े पैमाने पर जनता को बेचे जा रहे हैं और इस प्रकार दुरुपयोग होने की संभावना है.
याचिकाकर्ता ने कहा- देश और हर व्यक्ति के लिए खतरा है स्पाइवेयर
याचिका में कहा गया है कि स्पाइवेयर या स्टाकर वेयर का मतलब उन ऐप्स, सॉफ़्टवेयर प्रोग्राम, और डिवाइस से है जो किसी अन्य व्यक्ति (जासूस/स्टॉकर) को गुप्त रूप से फोन गतिविधि के बारे में जानकारी की निगरानी और रिकॉर्ड करने देते हैं. ‘स्टॉकरवेयर’ शब्द एक हालिया शब्द है जो इन उपकरणों के आक्रामक, घुसपैठ और खतरनाक दुरुपयोग की ओर ध्यान आकर्षित करता है.
याचिका में ये भी कहा गया है कि इन सॉफ्टवेयर ऐप का अस्तित्व और उपयोग न केवल खतरनाक है, बल्कि राष्ट्र और हर व्यक्ति के लिए खतरा है, क्योंकि इसमें आतंकवादियों, चरमपंथियों जैसे लोगों द्वारा व्यापक रूप से दुरुपयोग किए जाने की भारी क्षमता है.
याचिका में कहा गया है कि भारत के प्रत्येक नागरिक को निजता के उल्लंघन और स्वतंत्रता के उल्लंघन के खिलाफ राज्य द्वारा संरक्षित किया जाना चाहिए. वहीं मामले की अगली सुनवाई 9 मार्च को होगी.
Delhi High Court seeks response from Center on mobile spyware case, next hearing will be held on March 9
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