प्रातः स्मरणीय महामना आचार्य श्री भिक्षु के 298 वें जन्म दिवस तथा 266 वें बोधि दिवस पर मेरी भावना —
प्रातः स्मरणीय महामना आचार्य श्री भिक्षु के 298 वें जन्म दिवस तथा 266 वें बोधि दिवस पर मेरी भावना —
भिक्षु स्वामी बोलो अन्तर तम को हर लो ।ध्रुव ।।
दीपा सूत का अब जरा ध्यान धर लो ।
भिक्षु स्वामी बोलो अन्तर तम को हर लो ।ध्रुव ।।
नैया तट आकर संकट सब मिट जाये ।
भिक्षु सुमरने से बन्धन सब कट जाये ।
भिक्षु करुणा सागर है लोक उजागर ।
अन्तर मन से भिक्षु का सुमिरन कर लो ।
भिक्षु स्वामी बोलो अन्तर तम को हर लो ।ध्रुव ।।
कितनों को तारे है भव पार उतारे है ।
असहायों के भिक्षु सबल सहारे है ।
भिक्षु भाग्य विधाता जन जन के त्राता ।
भिक्षु नाम के मोती अपने घर में भर लो ।
भिक्षु स्वामी बोलो अन्तर तम को हर लो ।ध्रुव ।।
जन – जन हितकारी भिक्षु मंगलकारी ।
भिक्षु के चरणों में नतमस्तक दुनिया सारी ।
भिक्षु के चरणों में झुक मन वांछित फल पाओ ।
भिक्षु स्वामी को ध्याकर भव सागर से तर लो ।
भिक्षु स्वामी बोलो अन्तर तम को हर लो ।ध्रुव ।।
दीपा सूत का अब जरा ध्यान धर लो ।
भिक्षु स्वामी बोलो अन्तर तम को हर लो ।ध्रुव ।।
प्रदीप छाजेड़
( बोरावड़ )