नौकरी लगवाने के नाम पर 500 लोगों से 35 लाख ठगे-पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर किया खुलासा-रुपये लेकर फर्जी नियुक्ति पत्र और आईडी भी देते थेब्यूरो रिपोर्ट केके सक्सेना
कासगंज। सिढ़पुरा पुलिस ने नौकरी लगवाने के नाम पर करीब पांच सौ लोगों से 35 लाख रुपये की ठगी करने वाले गिरोह का खुलासा किया है। गिरोह के दो सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ अग्रिम कार्रवाई की है।
एसपी रोहन प्रमोद बोत्रे ने बताया कि पांच मई को थाना सिढ़पुरा पर जितेन्द्र सोलंकी पुत्र रनवीर सिंह निवासी ग्राम कलानी ने तहरीर बताया कि उसके पास करीब एक वर्ष पूर्व कुलदीप शर्मा पुत्र श्यामप्रकाश शर्मा निवासी ग्राम सिकहरा थाना गंजडुण्डवारा आये थे और उसकी बेटी महक सोलंकी के नाम से गुलनाज प्रशिक्षण केन्द्र खुलवाने के लिए 3500 रूपये सिक्योरिटी देने के लिये कहा। फिर बाद में लडकी महक को प्रत्येक माह 3500 रूपये वेतन के रूप मे देना बताया कुलदीप शर्मा की बातों पर विश्वास करके उन्होंने 3500 रूपये दे दिये गये, इसके बाद कुलदीप शर्मा ने एक फर्जी नियुक्ति पत्र, आई कार्ड व तीन कुर्सी एक टेबल दी। बाकी सामान बाद में देने तथा लड़की का वेतन अगले माह से शुरु करने का आश्वासन दिया। जब लड़की को कई माह तक वेतन नहीं मिला, तब उसने जानकारी की कि गुलनाज प्रशिक्षण संस्थान संचालक अकरम सिद्दकी व सलमान सिद्दकी पुत्रगण लियाकत हुसैन निवासीगण मोहल्ला पन्तनगर कस्बा सिढ़पुरा हैं, जिनके साथी नितेश भारद्वाज पुत्र प्रमोद कुमार निवासी ग्राम जौहरी थाना सहावर, प्रशान्त उपाध्याय पुत्र प्रेम किशोर निवासी वासी थाना गंजडुण्डवारा, रवि कुमार पुत्र राजकुमार निवासी खोजपुर थाना सहावर, गजेन्द्र सिंह पुत्र राजपाल सिह निवासी मोहनपुर थाना सहावर व अन्य करीब 50 व्यक्तियों का एक गिरोह है जो जनपद एवं आसपास करीब 500 महिलाओं से रूपये लेकर फर्जी नियुक्ति पत्र व आईडी देकर ठगी की शिकार बना चुका है। एसपी ने सीओ पटियाली के नेतृत्व में टीम गठित की। टीम ने सलमान सिद्दकी, नितेश भारद्वाज को गिरफ्तार किया। पूछताछ पर सलमान सिद्दकी ने बताया कि उसने व उसके भाई ने एक कम्पनी गुलनाज प्रशिक्षण केन्द्र के नाम से वर्ष 2017 में रजिस्टर्ड कराई थी। उनके द्वारा दो जिला प्रभारी, 45 सुपरवाइजर एवं ग्राम सभा स्तर पर 450 सेन्टर बनाये गये थे। जिला प्रभारियों से 50-50 हजार रूपये, सुपरवाइजरों से 40 हजार रूपये तथा सेन्टर पर नियुक्त टीचरों से 3500 रूपये एडवांस के तौर पर सिक्योरिटी के रूप में कहकर लिये गये थे, जिसके लिए जिला प्रभारी को प्रति माह 20 हजार रूपये, सुपरवाइजरों को 15 हजार एवं सेन्टर पर टीचर्स को 3500 रूपये प्रति माह वेतन के रूप में दिये जाने के वायदा किया था। जबकि उन्होंने किसी को कोई भी वेतन नहीं दिया। सब रुपया आपस में बांटकर खर्च कर लिया। इस संबंध में एक मामला सहावर में चमन राजपूत ने भी दर्ज कराया। पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ कर ठगी का शिकार हुए अन्य लोगों के बारे में जानकारी जुटाना शुरु कर दिया है। आरोपियों के खिलाफ अग्रिम कार्रवाई की है। गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम में प्रभारी निरीक्षक विनोद कुमार, एसआई योगेश गौतम, मुख्य आरक्षी अनिल कुमार, हर्ष शामिल रहे।
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