उत्तर प्रदेशएटा

पुलिस स्मृति दिवस: कर्तव्य की बलि वेदी पर अपने प्राणों की आहूति देने वाले शहीद जवानों को दी गई भावभीनी श्रद्धांजलि

“इतनी सी बात हवाओं को बताए रखना, रोशनी होगी चिरागों को जलाए रखना, लहू देकर की है जिसकी हिफाजत हमने, ऐसे तिरंगे को हमेशा अपने दिल में बसाए रखना।”

एटा। ज्ञातव्य है कि जनसेवा का उच्च आदर्श हृदयंगम किए अनेकों पुलिस जन प्रतिवर्ष कर्तव्य पथ का अनुगमन करते हुए वीरगति को प्राप्त होते रहे हैं। पुलिस जनों के कार्य की प्रकृति ही कुछ ऐसी है कि इसमें कदम-कदम पर जोखिम व जीवन भय सन्निहित है यही कारण है कि प्रतिवर्ष अपने कार्यों को अंजाम देने की प्रक्रिया में पुलिसकर्मी बड़ी संख्या में कर्तव्य की बलिवेदी पर अपनी प्राणाहुतियाँ देते रहे हैं। अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए जनसेवा के उच्च आदर्श की प्राप्ति में मर मिटने से भी गुरेज न करने वाले ये पुलिस जन मरकर भी अमर हो जाते हैं। इनकी कीर्ति व यशोगाथा समय के साथ क्षरित नहीं होती अपितु अविरल अनुप्राणित करती रहती है। पुलिस की भावी संततियों को उसी पथ पर द्विगुणित साहस में मनोयोग से आगे बढ़ने के लिए ऐसी एक गाथा आज से 63 वर्ष पुरानी है। जिसमें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के 10 जवानों ने 21 अक्टूबर 1959 को भारत की उत्तरी सीमा लद्दाख के हिमाच्छादित जन हीन क्षेत्र में चीनी सैनिकों के कपटपूर्ण किए गए हमले को निष्प्रभावी कर अपने प्राणों की आहुति दी थी। इन वीर शहीद पुलिस जनों की याद में प्रतिवर्ष 21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस के रुप में मनाया जाता है।

इसी क्रम में आज पुलिस लाइन एटा स्थित शहीद स्मारक पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार सिंह, पुलिस अधीक्षक अपराध विनोद कुमार पांडेय, अपर पुलिस अधीक्षक धनंजय सिंह कुशवाहा, क्षेत्राधिकारी नगर विक्रांत द्विवेदी , क्षेत्राधिकारी जलेसर राघवेन्द्र सिंह राठौर, क्षेत्राधिकारी सदर सुनील त्यागी , क्षेत्राधिकारी सकीट संगम लाल मिश्रा, प्रतिसार निरीक्षक हरपाल सिंह व समस्त उपस्थित पुलिस कर्मचारियों द्वारा शहीद पुलिसकर्मियों के सम्मान में पुष्प चक्र व श्रद्धा सुमन अर्पित कर श्रद्धांजली अर्पित की गयी।

Amit Mathur

अमित माथुर - उप संपादक कलप्रिट तहलका
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