मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ संदीप कुमार गुप्ता एक्शन मूढ़ में आए, लगातार निरीक्षण से चिकित्सकों एवं कर्मचारियों में हड़कंप
ओपीडी, इमरजेंसी और अन्य विभागों में कई दिन से लगातार निरीक्षण के बाद हड़कंप
(अमित माथुर उप संपादक)
एटा। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य संदीप कुमार गुप्ता के लगातार कई दिन से जिला अस्पताल में निरीक्षण के बाद चिकित्सकों एवं अन्य कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है। बता दें जिला अस्पताल जोकि अब मेडिकल कॉलेज के हैंड ओवर हो चुका है यहां स्थित चिकित्सकों द्वारा समय से उपस्थित न होना तथा मरीजों के साथ आएदिन अभद्रता के प्रकरण आते रहे हैं। कुल मिलाकर चिकित्सकों से लेकर कर्मचारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल को अभी भी अपने पुराने वाले सरकारी अस्पताल के हिसाब से हांक रहे थे।
लेकिन मेडिकल कॉलेज के नवागत प्राचार्य डॉ संदीप कुमार गुप्ता ने कुछ दिन पूर्व मारहरा रोड़ स्थित बने मेडिकल कॉलेज पर जनपद के समस्त पत्रकारों को बुलाकर एक प्रेसवार्ता का आयोजन किया।
जिसमें प्राचार्य डॉ संदीप कुमार गुप्ता ने मेडिकल कॉलेज की व्यवस्थाओं को लेकर अपने विचार रखे साथ ही पत्रकारों को आश्वासन दिया कि वे अपने कार्यकाल में रहते हुए जिले के लिए जो बेहतर प्रयास कर सकते हैं उनके लिए निरंतर प्रयास करते रहेंगे।
साथ ही प्रेसवार्ता में पत्रकारों ने मेडिकल कॉलेज अस्पताल में लापरवाह चिकित्सकों से कर्मचारी साथ ही वहां घूमने वाले दलालों को लेकर भी आपत्ति जताई जिसपर प्राचार्य डॉ संदीप कुमार गुप्ता ने भरोसा दिलाया कि वह स्वयं इसके लिए निरीक्षण कर ऐसे चिकित्सकों पर कार्यवाही करेंगे जो समय से अपनी ड्यूटी पर नहीं आ रहे हैं और मरीजों से अभद्रता करते हैं।
साथ ही विभाग द्वारा गांधी मार्केट स्थित महिला अस्पताल का मैन गेट भी काफी समय से बंद करा दिया गया था जिसको लेकर भी पत्रकार समय-समय पर समाचारपत्रों के माध्यम से विरोध प्रकट करते आ रहे थे इसको लेकर भी प्रेसवार्ता में प्राचार्य डॉ संदीप कुमार गुप्ता के सामने रखा गया, जिसको कल ही निरीक्षण के बाद प्राचार्य डॉ संदीप कुमार गुप्ता द्वारा खुलवा दिया गया है।
फिलहाल प्राचार्य डॉ संदीप कुमार गुप्ता के निरीक्षण के बाद चिकित्सकों कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है, अगर इसी तरह निरीक्षण कर व्यवस्थाओं के सुधारने के प्रयास किए गए तो लापरवाह चिकित्सकों के साथ ही अन्य कर्मचारियों में भी सुधार देखने को मिल सकता जो अभी भी अपने पुराने सरकारी अस्पताल के हिसाब से व्यवस्थाओं को हांक रहे थे।