अपराधपंजाबराज्य

Punjab Encounter Inside Story: शूटर मरने पर उतारू थे तो पंजाब पुलिस उन्हें इस वजह से जिंदा दबोचने पर थी आमादा

Punjab Encounter Inside Story: शूटर मरने पर उतारू थे तो पंजाब पुलिस उन्हें इस वजह से जिंदा दबोचने पर थी आमादा

पंजाब पुलिस ने बुधवार को अमृतसर (Amritsar Police Encounter) जिले की सीमा में स्थित एक गांव में मौजूद हवेली में छिपे बैठे दो बदमाशों को बुधवार के दिन मुठभेड़ में मार गिराया है. यह दोनों गैंगस्टर पंजाबी गायक सिद्धू मूसे वाला हत्याकांड (Sidhu Moose Wala Murder) के मुख्य आरोपी थे. पंजाब पुलिस के मुताबिक घटना वाले दिन बाकी शूटर्स के साथ इन दोनों ने भी सिद्धू मूसेवाला के ऊपर गोलियां बरसाई थीं. हालांकि एनकाउंटर में बदमाशों से मोर्चा ले रही पंजाब पुलिस की टीमों की कोशिश अंत तक तक यही रही कि, किसी भी तरह से हवेली के भीतर छिपे बैठे शूटर सरेंडर कर दें. क्योंकि पंजाब पुलिस उन्हें जिंदा दबोचने की हर संभव कोशिश कर रही थी.उधर एके-47 जैसे घातक हथियार से लैस बदमाश हर हाल में पुलिस से मुकाबला करते हुए मरने-मारने पर ही उतारु रहे.

जिसका परिणाम यह रहा कि 5-6 घंटे चली पुलिस मुठभेड़ में दोनो बदमाश मौके पर ही मारे गए. आइए जानते हैं कि आखिर क्यों बदमाश हर कीमत पर मरने की ही जिद पर उतारु थे और इसके ठीक विपरीत पंजाब पुलिस उन्हें जिंदा दबोचने पर आमादा थी!

लाउडस्पीकर से एनाउंस कर सरेंडर करने को कहती रही पुलिस

इन तमाम बातों को लेकर दौरान-ए-एनकाउंटर टीवी9 भारतवर्ष ने मौके पर मौजूद पंजाब पुलिस के पुलिस अधीक्षक स्तर के एक अधिकारी से बात की. साथ ही अमृतसर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक स्वर्ण दीप सिंह से भी बात टीवी 9 ने बात की. एसएसपी स्वर्ण दीप सिंह ने एनकाउंटर के वक्त कहा, “दरअसल इस एनकाउंटर के स्टेट पुलिस की विशेष टीमें अंजाम दे रही हैं. हां, मोर्चे पर डटी टीमों की हर संभव कोशिश होगी कि बदमाश सही सलामत हाल में हाथ आ सकें.” वहीं दूसरी ओर एक पुलिस अधीक्षक ने नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा, “करीब 4-5 घंटे मुठभेड़ चली. इस दौरान शुरु से आखिर तक हम लोग लाउडस्पीकर से हवेली में छिपे बदमाशों को हथियार डालकर सरेंडर करने के लिए कहते रहे.

जवाब में हवेली के भीतर से गोलियां ही बाहर आती रहीं. बदमाशों की गोलियों से हमारे तीन जवानों सहित कुछ अन्य लोग भी जख्मी हो गए. हमारी कोशिश थी कि हर जिस तरह से हम लोग (मौके पर मौजूद पंजाब की सिविल पुलिस व एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स टीमें) बदमाशों को जीवित ही पकड़ सकें.”

पुलिस को सरेंडर करने की मांग का जवाब गोलियों से मिलता रहा

इसी अधिकारी ने आगे कहा, “हमारी टीमों की मगर हर कोशिश को बदमाशों ने नाकाम कर दिया. वे लगातार एके-47 जैसे हथियारों से हमारे ऊपर गोलियां दागे जा रहे थे. जवाबी फायरिंग ऐसे में करना हमारी मजबूरी थी. इसी जवाबी फायरिंग में अंतत: दोनो बदमाश मारे गए.” घटनाक्रम पर बाद में डिटेल में पंजाब राज्य पुलिस के अपर महानिदेशक एवं एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स प्रमुख प्रमोद बान ने भी काफी कुछ बताया. उनके मुताबिक,” जिस तरह और जिस रणनीति के तहत रुक-रुककर हवेली के अंदर से फायरिंग पुलिस पार्टी पर की जा रही थीं. हमारी टीमें बार बार उन सबको (हवेली के अंदर मौजूद बदमाशों को) सरेंडर करने की चेतावनी दे रही थीं.

उन्होंने आगे कहा कि उनसे उम्मीद थी कि वे सब आत्म-रक्षार्थ सरेंडर कर देंगे. कुछ ही देर में हमें आभास हो गया कि जिस तरह से हवेली के भीतर से अंधाधुंध गोलियां पुलिस के ऊपर दागी जा रही हैं, उस हाल में तो क्रिमिनल्स का इरादा सरेंडर का बिलकुल भी नहीं है.

हमारा मकसद मारना ही नहीं होता

पूछने पर पंजाब के अपर पुलिस महानिदेशक ने कहा, “दरअसल हमारा (पुलिस का) मकसद किसी को मारने का नहीं होता है. कोशिश यही होती है कि किसी भी तरह से अपराधी अगर सरेंडर कर दे तो वही ज्यादा बेहतर रहता है. क्योंकि मारे जा चुके अपराधी के साथ ही तमाम सबूत भी नष्ट हो जाते हैं. जो जानकारियां तफ्तीश में किसी जीवित इंसान से हासिल हो सकती हैं, उन जानकारियों के मिलने की संभावनाएं भी अपराधी की मौत के साथ ही खत्म हो जाती हैं. हालांकि इस मुठभेड़ में हमारी टीमों ने अपराधियों को सरेंडर कराने की कोई कोशिश बाकी नहीं छोड़ी थी.”

उधर पंजाब पुलिस के ही एक अन्य अधिकारी की माने तो, “दरअसल एनकाउंटर में मारे गए दोनो ही शार्प शूटर खतरनाक किस्म के थे. वे पुलिस के सामने निकल सरेंडर के इरादे से जान-बूझकर नहीं आए थे. वे जानते थे कि अगर जिंदा पकड़े गए तो तमाम छिपे हुए राज खोलना उनकी मजबूरी होगी. ऐसा करते ही उनका पूरा गैंग ही साफ हो जाता. अब जब वे जिंदा मिले ही नहीं हैं तो गैंग से संबंधित तमाम राज भी उन्हीं के साथ दफन हो चुके हैं. हालांकि उनके मारे जाने से अच्छा होता कि वे जिंदा पकड़े जाते.”

कलप्रिट तहलका (राष्ट्रीय हिन्दी साप्ताहिक) भारत/उप्र सरकार से मान्यता प्राप्त वर्ष 2002 से प्रकाशित। आप सभी के सहयोग से अब वेब माध्यम से आपके सामने उपस्थित है।
समाचार,विज्ञापन,लेख व हमसे जुड़ने के लिए संम्पर्क करें।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Back to top button