Lucknow News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की राजधानी लखनऊ (Lucknow) को स्मार्ट सिटी के रूप में तेजी से विकसित किया जा रहा है। तो वहीं राजधानी लखनऊ में कुछ इलाके ऐसे हैं जहां के लोगों को आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए सरकारी और नेताओं के दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं।
उसी में से एक लखनऊ विकास प्राधिकरण और सुभम सिटी के बीच रह रहे हजारों लोग अंधेरे में जिंदगी काट रहे हैं। यहां रहने वाले सैकड़ों लोग कई सालों से कभी बिजली विभाग के बड़े अफसर के दफ्तर में तो कभी प्राधिकरण की दहलीज पर अपनी गुहार लेकर आते हैं। लेकिन उनकी समस्या का निराकरण आज तक नहीं हो पाया है। अब उन्हें एलडीए के नवागत उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी से उम्मीद जगी है।
100 से अधिक घर अंधेर में जीवन व्यतीत कर रहे हैं
राजधानी लखनऊ के कृष्णा नगर के अंतर्गत सुभम सिटी और प्राधिकरण की योजनाओं के बीच ये सैकड़ों परिवार अंधेरे में जीवन जीने को मजबूर हैं। यहां रहने वाले 100 से ज्यादा परिवार अपनी समस्या लेकर प्राधिकरण की दहलीज पर आते हैं। और फिर वापस लौट जाते हैं। पूरे देश में एक तरफ जहां हर घर बिजली योजना चलाई जा रही है। वहीं ये परिवार बिजली मांगते मांगते थक गए हैं। लेकिन उन्हें उजाला नसीब नहीं हो रहा है।
ऊर्जा मंत्री ने पिछले दिनों ही बिजली इजाफे का दावा किया था
बता दें हाल ही में प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने प्रदेश में बीते 4 सालों में 9000 हजार मेगावाट बिजली के इजाफे का दावा किया था। लेकिन क्या लखनऊ की सीमा में रहने वाले पंडित खेड़ा, अलीनगर के ये लोगों की बिजली के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। यहां बने 500 स्क्वायर फीट में बने इनके मकानों को अनियोजित करार दिया जा रहा है। लिहाजा बिजली विभाग का पत्र प्राधिकरण को जरूर आता है पर प्राधिकरण के जवाब आज भी मौनी बाबा बना हुआ है। 2019 से लेकर अगस्त 2021 हो गया पर जवाब नहीं मिल पा रहा है।
सुभम सिटी में हुए बिजली कनेक्शन पर 50 हजार रुपए वसूले जा रहे
पंडित खेड़ा और अलीनगर सुनहरा भले ही अंधेरे में हो लेकिन उसी के बगल में स्थित सुभम सिटी में लाइट से सराबोर है। इन लोगों का आरोप कि सुभम सिटी में हुए कनेशन पर 50 हजार रुपए भी वसूले जा रहे। अभी कुछ दिन पूर्व लेसा और विजिलेंस की टीम ने 14 लोगों के परिसर में फर्जी मीटर पाए थे। स्थानीय लोगों को शिकायत पर लेसा और विजिलेंस की संयुक्त टीम ने छापेमारी की थी।
एलडीए के उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी से लोगों को उम्मीद
सौभाग्य योजना में काम कर चुकी एक कार्यदायी संस्था के प्रोजेक्ट मैनेजर और दो अन्य के खिलाफ कृष्णानगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। इन लोगों के आरोपों के मुताबिक अगर 50 हजार की मोटी रकम दे सकते हैं। तो बिजली आपकी, नहीं तो अंधेरा में आपकी गुजारा करना होगा। अब इन लोगों को प्राधिकरण के नवनियुक्त उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी से काफी उम्मीद है कि वह उनकी समस्या को सुनेंगे और उसका निस्तारण भी कराएंगे।
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